केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू कश्मीर से अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद संघ शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर के व्यय में कोई इजाफा नहीं हुआ है. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो पृथक संघ शासित क्षेत्र बनाया गया था. उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्रों के लिये कोई पृथक वित्तीय प्रावधान नहीं किए गए हैं. इस कारण जम्मू कश्मीर के व्यय में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
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इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति तेजी से लौट रही है. उनकी टिप्पणी कांग्रेस के सुरेश कोडिकुन्निल के एक सवाल के जवाब में आई है. संसद में कोडिकुन्निल ने संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा भीड़ पर ग्रेनेड हमले में एक सरकारी अधिकारी और एक सरपंच के मारे जाने का मुद्दा उठाया था. अनंतनाग जिले के हकोरा में नवगठित केंद्र शासित प्रशासन के पहले ग्रामीण सहायता कार्यक्रम को लेकर इकट्ठा हुई थी.
इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को छोड़कर बीते 5 सालों में देश में कहीं भी एक भी आतंकी घटना नहीं हुई. उन्होंने कहा कि यह सच है कि जम्मू-कश्मीर पिछले 30-35 सालों से आतंक का सामना कर रहा है, लेकिन इस तरह की घटनाओं में 'कमी आई है' और संख्या अब 'पूर्ववर्ती राज्य की विशेष दर्जे के खत्म होने के बाद लगभग शून्य है. राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र में आतंक से निपटने के लिए सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं और 'कश्मीर में सामान्य स्थिति तेजी से लौट रही है.
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गौरतलब है कि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद 31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर और लद्दाख, संघ शासित क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आए हैं. केंद्र ने पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा रद्द कर दिया.
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