लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध पर भले ही सैन्य स्तर की बातचीत के बाद चीनी सैनिक एलएसी से 2.3 किमी पीछे चले गए हैं, लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नजर में चीनी सेना ने लद्दाख में भारतीय इलाकों पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने सीमा गतिरोध पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि इतना सब होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खामोश रहे. एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के आधार पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया है. उनके अनुसार लद्दाख (Ladakh) सीमा विवाद पर मोदी सरकार गलत बयानी कर रही है. उनके लिहाज से सच्चाई यह है कि चीनी सेना (China) ने भारतीय इलाके पर कब्जा कर लिया है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) और उनके चीनी समकक्ष यांग जिएची ने आठ मई को गतिरोध के मुद्दे पर बातचीत की थी. इसके बाद कूटनीतिक और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत हुई. अंत में सैन्य स्तर की बातचीत के बाद गतिरोध के सुलझने की बात मोदी सरकार ने की थी.
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चीन ने अपनी सेना 2.3 किमी वापस बुलाई
गौरतलब है कि राहुल गांधी इसके पहले भी भारत-चीन सीमा विवाद पर सरकार से कई बार स्थिति साफ करने की मांग कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि सरकार इस मसले पर पारदर्शिता से काम नहीं कर रही है. हालांकि फिलवक्त ऐसी खबरें हैं कि चीन (China) ने गालवन में तैनात अपने सैनिक (PLA) और बख्तरबंद गाड़ियां ढाई किलोमीटर पीछे बुला ली हैं और भारत (India) ने भी इस इलाके में तैनात अपने जवानों की तादाद कम कर दी है. हालांकि इस सबके बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने भारत-चीन सीमा पर सेना का नेतृत्व करने के लिए नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग को भेजा है. वह भारत चीन सीमा के लिए जिम्मेदार वेस्टर्न थियेटर कमान की अगुवाई करेंगे. जानकारी मिली थी कि छह जून को हुई भारत और चीन की शीर्ष सैन्य-स्तरीय वार्ता के बाद यह वापसी प्रक्रिया शुरू हुई है. ऐसे में राहुल गांधी का यह हमला वास्तव में मोदी सरकार पर बड़ा आरोप है.
The Chinese have walked in and taken our territory in Ladakh.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 10, 2020
Meanwhile
The PM is absolutely silent and has vanished from the scene.https://t.co/Cv06T6aMvU
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छह घंटे चली थी बैठक
छह जून को हुई यह बैठक लगभग छह घंटे तक दो चरणों में चली थी. पहले डेढ़ घंटे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों की वन-टू-वन बैठक हुई और इसने दूसरे चरण की वार्ता के लिए आधार तैयार किया. भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया था. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की पहले डेढ़ घंटे की बैठक हुई और फिर अगले दो घंटों में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई, जहां अनुवादक (ट्रांसटेलर) के साथ ही भारतीय पक्ष से 12 सदस्य शामिल रहे. बैठक में हिस्सा लेने वालों की यही समान संख्या चीनी पक्ष की ओर से भी रही. दो घंटे के बाद एक लंच ब्रेक (दोपहर का भोजन) भी लिया गया और फिर चार घंटे तक विचार-विमर्श हुआ.
HIGHLIGHTS
- राहुल गांधी ने ट्वीट कर लद्दाख सीमा गतिरोध पर मोदी सरकार को झूठा बताया.
- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक चीनी सेना ने लद्दाख के इलाके पर किया कब्जा.
- इसके पहले मोदी सरकार ने कहा था कि सैन्य स्तर की वार्ता के बाग मसला सुलझा.