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कांग्रेस में नए और पुराने कांग्रेसियों का विवाद फिर शुरू हुआ, दिग्विजय के ट्वीट से राजनीति तेज

कांग्रेस पार्टी के अंदर नए और पुराने कांग्रेसियों का विवाद एक बार फिर शुरू हो गया है. राहुल गांधी के समर्थन में किए गए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ट्वीट से राजनीति तेज हो गई है.

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Dalchand Kumar
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Senior congress Leader Digvijay Singh

कांग्रेस में नए और पुराने कांग्रेसियों का विवाद फिर शुरू हुआ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कांग्रेस (Congress) के अंदर नए और पुराने कांग्रेसियों का विवाद एक बार फिर शुरू हो गया है. राहुल गांधी के समर्थन में किए गएकांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के ट्वीट से राजनीति तेज हो गई है. दिग्विजय सिंह ने पार्टी के संगठन को फिर से खड़ा करने एवं मजबूत बनाने की पैरवी करते हुए शनिवार को राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह दोबारा पार्टी की कमान संभालें. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लेकर नरम रुख रखने के पैरोकार कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा और सवाल किया कि जो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आक्रामक रुख की सराहना नहीं कर सकते, वो पार्टी में क्यों हैं? 

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दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, '2019 में राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के लिए वस्तुत: मुख्य चुनौती बनकर उभरे थे. उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष अथवा लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के तौर पर पार्टी को खड़ा करने का काम जारी रखना चाहिए था. कांग्रेस में कोई भी उनके विरोध में नहीं है.' उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमले से परहेज की पैरवी करने वाले कुछ कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस में कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री मोदी को लेकर नरम रहने की पैरवी करते हैं? उनके पास यह साहस होना चाहिए कि वे पार्टी के भीतर अथवा सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रखें.'

उन्होंने कहा, 'मैं निजी तौर पर राहुल जी और प्रियंका जी के आक्रामक रुख का समर्थन करता हूं. वे भारत और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय हित के मुद्दों को उठा रहे हैं. अगर कांग्रेस में कुछ नेता इसकी सराहना नहीं करते तो फिर वे कांग्रेस में क्यों हैं?' दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं चिदंबरम जी की सराहना करता हूं कि मनगढंत आरोप में जेल जाने के बाद भी वह नहीं झुके.'

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राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, 'कांग्रेस नेतृत्व को संगठन के निर्माण की चुनौती हाथ में लेनी चाहिए. यहीं पर हमें राहुल जी और प्रियंका जी के बहुआयामी नेतृत्व की जरूरत है. मुझे भरोसा है कि दोनों में यह दम और साहस है कि वे 'मोदी-शाह जोड़ी’ का मुकाबला कर सकें. उन्होंने कहा, 'यह गलत धारणा है कि मोदी-शाह ईडी, आयकर और सीबीआई के जरिए गांधी-नेहरू परिवार को डरा-धमका सकते हैं. यह परिवार अंग्रेजों से निडर होकर लड़ा और वर्षों जेल में रहा. ये लोग बहुत बहादुर हैं. इसलिए मोदी-शाह जी किसी भ्रम में मत रहिए.'

कांग्रेस के पूर्व महासचिव ने कहा, 'यही पूरे मामले का सार है और यही सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी के समक्ष चुनौती है. मुझे यकीन है कि वे ऐसा करेंगे. पूरी कांग्रेस पार्टी, चाहे बुजुर्ग हों या नौजवान, सभी आपके पीछे खड़े हैं और आप लोग जो चाहेंगे वो कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. इसलिए राहुल जी, कृपया नेतृत्व करिए.'

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बता दें कि 23 जून को वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच विवाद खुलकर सामने आया था. राहुल गांधी के पीएम मोदी पर हमला करने की सोच के बीच यह मतभेद हुआ था. चीन से तनातनी के दौर में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'सरेंडर' मोदी कहा था. जबकि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने खुलकर कहा था कि मोदी पर उनके अलावा और कोई खुलकर हमला नहीं करता है. जबकि इसके विपरीत कई कांग्रेसी नेताओं की राय थी कि बजाय मोदी पर हमले के केंद्र सरकार के कामों और नीतियों पर हमला बोलना चाहिए. आर.पी.एन. सिंह ने सुझाव दिया था कि पार्टी को नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत आलोचना से बचना चाहिए. 

Source : News Nation Bureau

congress rahul gandhi Digvijaya Singh
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