दुष्कर्म के दोषियों का बचना अब मुश्किल होगा. केंद्र सरकार (Central Government) ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म आदि यौन हमले की घटनाओं में सबूतों को जुटाने के लिए राज्यों को 14 हजार से ज्यादा फोरेंसिक किट उपलब्ध कराए हैं. जिससे दुष्कर्म (Rape) जैसी घटनाओं की वैज्ञानिक तरीके से तेज जांच हो सकेगी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ये फोरेंसिक किट निर्भया निधि से खरीद कर राज्यों को उपलब्ध कराया है. किट के इस्तेमाल से यौन हमलों के सबूत जुटाने में पुलिस को आसानी होगी.
दरअसल, बलात्कार जैसे मामलों में दोषियों तक पहुंचने के लिए घटनास्थल से लेकर अन्य सबूत काफी अहम होते हैं. पुलिस के पास फोरेंसिक किट के अभाव में कई बार जरूरी सबूत जुटाने में दिक्कतें होती हैं. जिससे कई बार दोषियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, कुल 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 14960 फोरेंसिक किट उपलब्ध कराई गई हैं. इस किट को मंत्रालय ने यौन हमला साक्ष्य संग्रहण (एसएईसी) नाम दिया है. निर्भया फंड के 2.97 करोड़ रुपये की लागत से ये किट खरीद कर राज्यों को भेजी गई.
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दरअसल, लोकसभा में बीते शुक्रवार को एक सांसद ने निर्भया फंड से फोरेंसिक किटों की खरीद को लेकर सवाल किया था. जिसका केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए निर्भया निधि स्थापित की गई है. इस धनराशि का इस्तेमाल एजेंसियों और राज्यों की ओर से होता है.
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उन्होंने बताया कि संविधान की सातवीं सूची के तहत पुलिस और कानून व्यवस्था राज्य के विषय हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने, और नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्यों की है. फिर भी, यौन हमलों के मामलों में दक्ष और समयबद्ध ढंग से जांच में राज्यों की मदद करने के लिए निर्भया निधि के तहत 2.97 करोड़ रुपये की लागत से एसएईसी किट उपलब्ध कराए गए हैं.
कोयंबटूर सीट से कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के लोकसभा सांसद पीआर नटराजन के सवाल पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सभी राज्यों को मिले फोरेंसिक किट के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 3056, मध्य प्रदेश को 1187, राजस्थान को 1452, पश्चिम बंगाल को 454, झारखंड को 426, हरियाणा को 787, दिल्ली को 483 किट उपलब्ध कराए गए हैं. इसी तरह सभी राज्यों को कुल 14950 यौन हमला साक्ष्य संग्रहण (एसएईसी) किट दिए गए हैं. ताकि यौन हमलों की समय से जांच हो सके.
Source : News Nation Bureau