अनुच्छेद 35ए पर सर्वोच्च न्यायालय में जल्द सुनवाई की मांग

अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है.

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Ravindra Singh
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Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

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संविधान के अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली छह अलग-अलग याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं. यह मामला काफी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस अनुच्छेद को निष्प्रभावी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए जम्मू एवं कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने का निर्णय लिया है. ये याचिकाएं विवादित मुद्दे पर शीर्ष अदालत से सकारात्मक जवाब चाहती हैं. अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है. 

साल 2014 से यह मामला सुनवाई के लिए कई बार आया, लेकिन इस पर अभी भी शीर्ष अदालत की निर्दिष्ट पीठ द्वारा मेरिट के आधार पर विस्तृत सुनवाई होनी है. अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को राज्य की स्थायी नागरिकता देता है और आगे उन्हें महत्वपूर्ण विशेषाधिकार देता है, जिसे याचिकाओं के जरिए शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. एक एनजीओ 'वी द सिटीजन' ने 2014 में शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल कर इसे चुनौती दी.

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एनजीओ ने तर्क दिया कि यह अनुच्छेद एक स्थायी उपाय है और इस अनुच्छेद में कई खामियां हैं. उदाहरण के लिए यह कश्मीरियों द्वारा राज्य के बाहर विवाह करने पर उनसे भेदभाव करता है और देश के दूसरे हिस्सों के नागरिक राज्य में स्थायी रूप से नहीं बस सकते हैं. एक अन्य याचिका पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थियों ने दायर की है. इस याचिका में दावा किया गया है कि पश्चिम पाकिस्तान के 3 लाख शरणार्थी, जिन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को बसने के लिए चुना है, उन्हें अनुच्छेद 35ए के तहत दिए गए अधिकार से इनकार किया गया है. अनुच्छेद 35ए सिर्फ राज्य के मूल नागरिकों के लिए है.

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इन याचिकाओं की दलीलें एक मुख्यबिंदु पर मिलती हैं कि संविधान में संसद के जरिए संशोधन संभव है और संसद को अनुच्छेद 35ए की मेरिट पर चर्चा करने का अधिकार है. अनुच्छेद 370 के तहत राष्ट्रपति का आदेश जारी किया गया, जो भारत में शामिल होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को मान्यता देता है. राष्ट्रपति आदेश के जारी होने के बाद अनुच्छेद 35ए लागू हो गया.

HIGHLIGHTS

  • आर्टिकिल 35ए पर सुनवाई की मांग तेज हुई
  • इस अनुच्छेद में बहुत सी खामियां हैं
  • संविधान में संसद के जरिए संशोधन संभव

Source : आईएएनएस

Supreme Court Jammu and Kashmir HPCommonManIssue Article 35-A Additional Security Forces in Jammu and Kashmir
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