राजस्थान सियासी संकट को लेकर सोमवार की रात को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने बताया कि, राजस्थान में हमारी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है. हमें 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. नाराज विधायकों के लिए सोनिया गांधी के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं. अगर किसी विधायक या कार्यकर्ताओं को कोई नाराजगी है तो पार्टी की बैठक में आकर अपनी बात रखें. कांग्रेस ने सचिन पायलट को अपनी बात रखने के लिए कल तक का समय दिया है. रणदीप सुरजेवाला के इस बयान से साफ स्पष्ट है कि कांग्रेस ने अभी तक पायलट के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है. बताया जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक शामिल नहीं होंगे.
सुरजेवाला ने आगे कहा था कि सचिन पायलट और जो विधायक मानेसर में हैं. सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान की जनता ने हमें और हमारे विधायकों को राजस्थान की जनता की सेवा के लिए समय दिया था. कांग्रेस विधायक दल के एक-एक सदस्य का कर्तव्य है कि वो इस सेवा के अवसर का फायदा उठाए. सेवा के कार्यो में सहयोग दें. हमने निर्णय किया है कि कल सुबह 10 बजे एक और बैठक होगी और हम सचिन पायलट को पत्र लिखकर अनुरोध कर रहे हैं कि वे कल बैठक में आएं और अन्य विधायक भी आएं जो दिल्ली में हैं.
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राजस्थान में जारी है सियासी उठापटक
इसके पहले राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन प्रकट किया गया और फिर विधायकों को जयपुर के एक होटल में ले जाकर ठहराया गया. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में बागी रुख अपनाने वाले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.
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पार्टी नेताओं ने बताया कि106 विधायक थे मौजूद
विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं. हालांकि, पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पायलट के संपर्क में हैं. इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है कि विधायक दल की बैठक में कुल कितने विधायक उपस्थित थे, हालांकि कई पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे. अगर कांग्रेस नेताओं का 100 से अधिक विधायकों के विधायक दल की बैठक में मौजूद होने का दावा सही है तो फिलहाल अशोक गहलोत सरकार को खतरा नजर नहीं आ रहा है.