टेक्निकल कारणों से 5 मार्च को होने वाली ISRO की जियो इमेजिंग सैटेलाइट की लांचिंग टली

5 मार्च को भारत अपहना पहला अत्याधुनिक अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट जियो इमेजिंग सेटेलाइट (जीसैट-1) लान्च करने वाला था. लेकिन अभी-अभी खबर मिली है कि यह लान्चिंग कैंसिल कर दी गई है. इस उपग्रह को बड़े क्षेत्र की वास्तविक छवि मुहैया कराने और साथ ही प्राकृतिक आपदा सामेत विभिन्न प्रकार की घटनाओं की त्वरित निगरानी के लिए लांच किया जा रहा है.

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Yogendra Mishra
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तीसरे सर्जिकल स्ट्राइक में बहुत महत्‍वपूर्ण रोल निभाएगा ISRO का यह 'जासूस'

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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5 मार्च को भारत अपहना पहला अत्याधुनिक अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट (Earth Observation Satellite) जियो इमेजिंग सेटेलाइट (जीसैट-1) लान्च करने वाला था. लेकिन अभी-अभी खबर मिली है कि यह लान्चिंग कैंसिल कर दी गई है. अब जल्द ही नई लांचिंग डेट इसरो (ISRO) की तरफ से जारी की जाएगी.

इस उपग्रह को बड़े क्षेत्र की वास्तविक छवि मुहैया कराने और साथ ही प्राकृतिक आपदा सामेत विभिन्न प्रकार की घटनाओं की त्वरित निगरानी के लिए लांच किया जा रहा है.

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पांच मार्च को जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए जीसैट-1 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लान्च करने वाला था. लेकिन टेक्निकल कारणों से यह लांचिंग नहीं हो पाई है.

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आपको बता दें कि प्रक्षेपण का अंतरिम कार्यक्रम पांच मार्च को शाम पांच बजकर 43 मिनट तय किया गया था. सैटेलाइट के बारे में इसरो ने बताया कि 2275 किलोग्राम का यह सैटेलाइट है. इसे जीएसलवी एप-10 की मदद से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करने वाला था. इसके बाद ऑनबोर्ड प्रपलशन सिस्टम की मदद से यह सैटेलाइट 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर अपनी कक्षा में स्थापित हो जाएगा.

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