गांधी150 : गांधी ने अंतिम जन्मदिन पर कहा था, 'अब जीने की इच्छा नहीं'

गांधीजी अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे, लेकिन लोग उनके जन्मदिन का जश्न मनाते थे, जैसा कि आज लोग मना रहे हैं.

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
गांधी150 : गांधी ने अंतिम जन्मदिन पर कहा था, 'अब जीने की इच्छा नहीं'

महात्मा गांधी (फाइल फोटो)

Advertisment

"मैंने अब ज्यादा जीने की इच्छा छोड़ दी है. मैंने कभी कहा था कि सवा सौ साल तक जिंदा रहूं, लेकिन अब मेरी ज्यादा जीने की इच्छा नहीं रही." यह बात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मृत्यु से पहले अपने अंतिम जन्मदिन दो अक्टूबर, 1947 को कही थी. गांधीजी अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे, लेकिन लोग उनके जन्मदिन का जश्न मनाते थे, जैसा कि आज लोग मना रहे हैं.

दो अक्टूबर, 1947 भी उनके लिए एक ऐसा ही दिन था. लेकिन कई मायनों में वह गांधी का सबसे खास जन्मदिन था. इसलिए भी कि वह उनके जीवन का अंतिम जन्मदिन था. 

गांधी रिसर्च फाउंडेशन (जलगांव, महाराष्ट्र) के निदेशक, सुदर्शन अय्यंगर इस बारे में बताते हैं, "गांधीजी का सबसे महत्वपूर्ण जन्मदिन उनकी मृत्यु से कुछ महीनों पहले दो अक्टूबर, 1947 को था. उस पूरे दिन उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा. कई विदेशी आए, सैंकड़ों तार आए. कई लोग उन्हें बधाइयां देने पहुंचे थे."

बकौल अय्यंगर, गांधी ने उस दिन के बारे में लिखा है, "ये बधाइयां हैं या मातमपुरसी, मेरी समझ में नहीं आ रहा. मैं इसे क्या कहूं और मैं इसे क्या समझूं. इसे संताप समझूं? एक जमाना था, जब जनता मेरी कही हर बात मानती थी और आज की परिस्थिति यह है कि मेरी बात कोई सुनता तक नहीं है. मैंने अब ज्यादा जीने की इच्छा छोड़ दी है. मैंने कभी कहा था कि मैं सवा सौ साल तक जिंदा रहूं, लेकिन अब मेरी ज्यादा जीने की इच्छा नहीं रही."

दरअसल, आजादी और देश के विभाजन के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों से गांधी बहुत व्यथित थे, और लाख कोशिशों के बाद भी स्थितियों उनके नियंत्रण से बाहर हो गई थीं. जिसकी उन्होंने कभी कल्पना तक नहीं की थी, वह सब घटित हो रहा था. गांधी यह सब देखने के बदले मृत्यु को स्वीकारना बेहतर समझ रहे थे.

कहना न होगा जन्मदिन की बधाइयां गांधी के लिए मातमपुरसी ही साबित हुईं. लगभग चार महीने बाद नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 की शाम गोली मारकर मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या कर दी. स्थान राष्ट्रीय राजधानी स्थित बिड़ला भवन था.

गांधी के उपरोक्त कथ्य से जन्मदिन और बधाइयों के प्रति उनकी अरुचि भी साफ होती है. गांधीवादी अध्येता प्रोफेसर अय्यंगर ने आईएएनएस से कहा, "हां, गांधीजी अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे. जन्मदिन को लेकर ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है, कहीं भी इसका कोई जिक्र नहीं है. ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है."

फिर गांधी अपने जन्मदिन पर करते क्या थे? अय्यंगर ने कहा कि गांधीजी के लिए जन्मदिन आम दिनों की तरह होता था, वह आम दिनों की तरह अपने काम में लगे रहते थे. 

हालांकि वह वर्ष 1931 में बापू के जन्मदिन का उल्लेख करते हैं, "उस समय वह (गांधीजी) लंदन में थे, वहां भारतीयों ने जिल्द हाउस नामक जगह पर उन्हें मानपत्र दिया और उनके जन्मदिन का जश्न मनाया. उस दिन लंदन में गांधी सोसाइटी, इंडियन कांग्रेस लीग ने सम्मेलन किया था, वहां उन्हें पुराना अंग्रेजी चरखा भेट में दिया गया था."

गुजरात विद्यापीठ के पूर्व कुलपति अय्यंगर गांधी के जन्मदिन के विवरण देते हैं, "दो अक्टूबर, 1917 को एनीवेसेंट ने गोखले हॉल में गांधी की तस्वीर का अनावरण किया था. वर्ष 1922, 1923, 1932, 1942, 1943 में बापू (महात्मा गांधी) अपने जन्मदिन पर जेल में थे. 1942 में उन्होंने जन्मदिन पर आईसक्रीम खाई थी, जेल अधीक्षक ने उन्हें फूलहार भेजे थे. उन्हें 64 रुपये भेंट में दिए गए थे."

आईआईटी (मुंबई) के पूर्व प्रोफेसर अय्यंगर ने आगे कहा, "वर्ष 1924 में गांधीजी जन्मदिन पर उपवास पर थे. यह उपवास सितंबर से शुरू हुआ और दो अक्टूबर को भी जारी रहा था. वह हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए उपवास कर रहे थे."

लेकिन गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार और कई संगठनों की तरफ से साल भर खास जश्न मनाए जा रहे हैं.

इस सवाल पर प्रोफेसर अय्यंगर कहते हैं, "गांधीजी के जन्मदिन पर उनके मूल्यों को समझना चाहिए, उनके प्रति समर्पित होना चाहिए. उनके साथ कस्तूरबा गांधी का भी जन्मदिन मनाया जाना चाहिए. सिर्फ झाड़ू लेकर चलने से कुछ नहीं होता. गांधीजी के लिए झाड़ू सफाई का प्रतीक नहीं, बल्कि मन की निर्मलता, शोषित समाज को गले लगाने का प्रतीक थी."

और पढ़ें- महात्मा गांधी ने इस वजह से चोंगा, पगड़ी और जूते का किया था परित्याग

गांधीवादी विचारक अय्यंगर ने सरकार से आग्रह किया, "गांधी के शाश्वत मूल्यों को पुन: स्थापित कर उनके रचनात्मक कार्यो को मजबूती से आगे ले जाने का वातावरण पैदा करें. गांधीजी की भावनाओं के साथ उनके 150वें जन्मदिन पर उन्हें याद करना चाहिए."

Source : IANS

gandhi-jayanti Mahatma Gandhi Mahatma gandhi birth anniversary Gandhi Jayanti 2018 Gandhiji Mahatma Gandhi Birthday Gandhi Jayanti celebrations mahatma gandhi birth anniversary 2018 October 2 gandhi Gandhi birth on October 2
Advertisment
Advertisment
Advertisment