अस्पताल में बर्न वार्ड में भर्ती एक महिला को जब लखनऊ रेफर किया गया तो उसे हॉस्पिटल में स्ट्रेचर ही नहीं मिला। आग से जली बहन की तकलीफ भाई से ना देखी गई। भाई ने स्ट्रेचर नहीं मिलने की स्थिति में बहन को गोद में उठाया और हॉस्पिटल की गेट पर ले गया।
प्रदेश में सरकार बदल गई लेकिन हालात बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए हईटेक एंबुलेंश शुरू की थी। वहीं यह वाकया व्यवस्थाओं का असली चेहरा दिखा रही है।
दरअसल यह दर्दनाक मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई के जिला अस्पताल का है। यहां पर भर्ती बरगदिया गांव की रहने वाली महिला गंगावती है। 14 जून को घर में खाना बनाते वक्त छप्पर गिरने से चूल्हे से आग निकल कर गंगावती पर गिर गई थी। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गई थी।
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हादसे में गंगावती का पति हरिश्चंद्र भी झुलस गया था। इन दोनों का इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। मंगलवार को उसकी हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। महिला को लखनऊ ले जाने के लिए उसका भाई वीरेंद्र सीएमएस डॉ एससी गौतम के पास पहुंचा।
जहां पर स्टाफ ने डॉक्टर से मिलने नहीं दिया साथ ही एंबुलेंस नहीं मिलने की बात बोल कर रवाना कर दिया। इस बात से आहत वीरेंद्र ने अपनी बहन की गंभीर हालत देखते हुए कठिन फैसला लिया। उसने बहन को गोद में उठाया और हॉस्पिटल के गेट पर जा पहुंचा।
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यहां पर उसने एक निजी वाहन की सहायता से लखनऊ के लिए रवाना हुआ। वहीं इस संबंध में सीएमएस डॉ ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं लगी। उन्होने यह भी कहा कि जिसे भी जरुरत होती है उसे एंबुलेंस दी जाती है।
Source : News Nation Bureau