केंद्र सरकार पुरुषों की शादी की उम्र घटाने को लेकर विचार कर रही है. पुरुषों की शादी की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल करने पर विचार मंत्रालयों के बीच हो रही है. मतलब लड़का और लड़की की शादी की उम्र एक समान करने को लेकर मंथन चल रहा है. एक अखबार में छपी रिपोर्ट मुताबिक 18 अक्टूबर को महिला और बाल विकास मंत्रालय की अध्यक्षता में मंत्रियों के साथ बैठक हुई. बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा हुई.
इस बैठक में कानून और न्याय,स्वास्थ्य, गृह, अल्पसंख्यक और जनजातीय मामलों के मंत्रालय शामिल थे. यहीं नहीं इस बैठक में बाल विवाह को वैध बनाने से संबंधित संशोधन पर भी चर्चा की गई.
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बता दें कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक पुरुषों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और महिलाओं की 18 साल है. अगर सरकार इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ती है तो दोनों के लिए शादी की उम्र का कोई फासला नहीं होगा. मतलब दोनों की उम्र 18-18 साल होगी.
बता दें बाल विवाह पर रोक संबंधी कानून सर्वप्रथम साल 1929 में पारित किया गया था. बाद में साल 1949, 1978 और 2006 में इसमें संशोधन किए गए. इस समय विवाह की न्यूनतम आयु बालिकाओं के लिए 18 वर्ष और बालकों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है.
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वर्तमान नियम के मुताबिक बाल विवाह का जोड़ा अगर शादी की वैधानिक उम्र प्राप्त कर लेता है तो शादी वैध मानी जाती है. लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक बाल विवाह किसी भी सूरत में वैध नहीं माना जाएगा.
इसके साथ ही बाल विवाह को बढ़ावा देने वालों की सजा में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है. मोदी सरकार सजा 2 साल से बढ़ाकर 7 साल और जुर्माने को एक लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर सकती है.