पाकिस्तान (Pakistan) के अंदरूनी हालात इस वक्त काफी उथल-पुथल भरे हैं. पाकिस्तानी सेना पर वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) को 'सलेक्ट' करने को लेकर विपक्षी पार्टियां पहली बार खुलकर पाकिस्तानी सेना को उलाहना दे रही हैं. ऐसे में पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई और सरकार आवाम का ध्यान भटकाने के लिए फिर से भारत के खिलाफ गहरी साजिश रच रही है. इस कड़ी में पाकिस्तान जैश और हिजबुल की मदद से पठानकोट जैसा हमले की साजिश तो रच ही रहा है, साथ ही जम्मू-कश्मीर समेत देश के अन्य हिस्सों में आतंक फैलाने के लिए व्यापक पैमाने पर घुसपैठ की तैयारी भी कर रहा है. इसके लिए न सिर्फ लांच पैड सक्रिय कर दिए गए हैं, बल्कि बहुमुखी सुरंगे भी तैयार की जा रही हैं. यही नहीं, पाक परस्त आतंकियों को अपने आकाओं के संपर्क में लगातार बने रहने के लिए मोबाइल टॉवर भी भारतीय सीमा के पास शिफ्ट किए जा रहे हैं.
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घुसपैठ के लिए खोजी जा रही सुरंगें
देश की सुरक्षा को लेकर खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान की तरफ से जैश और हिजबुल के आतंकी पाकिस्तानी रेंजर्स की निगरानी में सुरंग की खुदाई कर रहे हैं. सुरंग की पहरेदारी आतंकियों के अलावा पाक रेंजर भी कर रहे हैं. पाक रेजर्स के साथ आतंकियों की एक टोली आसपास निगरानी रखती है. इस सुरंग के जरिये बड़े पैमाने पर भारत में घुसपैठ करा पठानकोट जैसे हमले को दोबारा अंजाम देने की कोशिशें होंगी. इन खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी रेंजर्स की निगरानी में जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी एलओसी पर सुरंग खोद रहे हैं. ये सुरंगें भारतीय सीमा की तरफ खोदी जा रही हैं और लोहे की पाइपों और फाइबर टीन से सुरंग खोदी जा रही हैं ताकि आवाज न हो.
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सुरंग निकालने का स्थान साफ नहीं
यह सुरंग अभी भारतीय सीमा में किस तरफ आएगी इसका सही अंदाजा नहीं है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक यह अंदाजा इसलिए नहीं लग पा रहा कि सुरंग को निकलने वाले स्थान पर बहुमुखी बनाने जाने की साजिश है. सुरंग की ऊंचाई पांच फुट और चौडाई तीन से चार फुट है. भारतीय सीमा की तरफ इस का मुंह ढाई फुट रखा जाएगा. इसी साल जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी. सुरंग के जरिये घुसपैठ कराने और हथियारों की तस्करी की कोशिश की गई. अब पाकिस्तान ने नई सुरंगें खोदने का काम हिजबुल और जैश जैसे आतंकी संगठनों को दे दिया है. इसके पहले पाकिस्तान साल 2017 में भारतीय सीमा में सुरंग खोद चुका है.
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मोबाइल टॉवर भी बढ़े
इसके अलावा इमरान खान की सरकार ने मोबाइल नेटवर्क के कवरेज को जम्मू-कश्मीर तक बढ़ाने का प्लान तैयार किया है. इससे एक तरफ घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी प्रशिक्षित आतंकियों को मदद मिलेगी, दूसरी तरफ भारत सरकार की ओर से भविष्य में संभावित किसी संचार प्रतिबंध को गच्चा दिया जा सकेगा. नई दिल्ली में एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, मौजूदा टेलीकॉम टावरों को ठीक करने और नए का निर्माण करने की योजना पर लगभग एक साल से काम चल रहा है. इसकी शुरुआत कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की मदद करने के लिए मौजूदा नेटवर्क को मजबूत बनाने के इरादे से की गई थी, लेकिन पिछले साल पांच अगस्त के बाद कश्मीर में संचार पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इससे अन्य फायदे उठाने की योजना पर काम किया.