मालदीव से 698 भारतीय नागरिकों को लेकर नौसैन्य पोत आईएनएस जलाश्व रविवार सुबह कोच्चि (Kochi) बंदरगाह पहुंचा. इसके साथ ही कोविड-19 (Covid-19) को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान विदेशी सरजमीं से भारतीयों को निकालने का भारतीय नौसेना का पहला बड़ा अभियान पूरा हो गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यात्री कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के क्रूज टर्मिनल से उतरेंगे. पुलिस महानिरीक्षक विजय सखारे ने बताया कि विदेश से लाए गए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं.
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इनमें केरल के 440 लोग और बाकी देश के अन्य हिस्सों के लोग हैं. चार यात्री लक्षद्वीप के हैं. इनके अलावा तमिलनाडु के 187, तेलंगाना के नौ, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के आठ-आठ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान के तीन-तीन और गोवा एवं असम के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि सात-सात यात्री उत्तराखंड तथा पश्चिम बंगाल के, चार दिल्ली के, तीन पुडुचेरी के हैं जबकि दो-दो यात्री उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा झारखंड के हैं.
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इससे पहले ब्रिटेन में फंसे 326 भारतीय नागरिकों का पहला समूह लंदन से शनिवार देर रात यहां पहुंचा. एक सूत्र ने बताया कि एयर इंडिया (Air India) का बोइंग 777 विमान शनिवार को लंदन से रवाना हुआ और 326 भारतीयों को लेकर देर रात करीब डेढ़ बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (CSMIA) पर उतरा. एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने सरजमीं को माथे से लगा लिया.
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विमान में सवार एक यात्री ने ट्वीट किया कि पहला विमान मुंबई उतरा और क्रू सदस्यों का यात्रियों के साथ बहुत कम संपर्क रहा. सीट पर पहले ही रखे नाश्ते और भोजन के साथ रक्षात्मक किट भी दी गई. अब क्वारेंटाइन का वक्त है. एक अन्य यात्री ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन से सुरक्षित मुंबई पहुंच गया. एयर इंडिया, लंदन में भारतीय उच्चायोग, नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन ब्रिटेन और भारत के विदेश मंत्रालय का बहुत-बहुत शुक्रिया.
Source : Bhasha