विश्व बैंक की Ease of Doing Business Ranking (कारोबार सुगमता रैंकिंग) में भारत की जबर्दस्त उछाल को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सुधारवादी कदमों का परिणाम बताया है. जेटली का यह बयान विश्व बैंक की इज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट-2019 के आने के एक दिन बाद आया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 100वें पायदान से 23 स्थान की छलांग लगाकर 77वें पायदान पर आ गया है. उन्होंने देश को कारोबार सुगमता के मामले में शीर्ष 50 देशों में पहुंचाने के लिये रूपरेखा का खाका भी पेश किया. वित्त मंत्री ने अपनी फेसबुक पोस्ट में इससे पहले भारत के रैंकिंग में पिछड़ने के लिए पूर्ववर्ती सप्रंग सरकार पर भी निशाना साधा.
यूपीए का ट्रैक रिकॉर्ड एकदम खराब
उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता के लिहाज से यूपीए सरकार का रिकॉर्ड अत्यंत दयनीय रहा. वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग के दस साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था, नीतिगत मोर्चे पर अपंगता थी और सभी सुधार ठप पड़े हुये थे. सप्रंग सरकार के पांच साल के दूसरे कार्यकाल में कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत का स्थान 134, 132, 132, 134 और अंत में 142वें स्थान पर रहा. यह सप्रंग सरकार का दयनीय ट्रैक रिकॉर्ड है. उस समय भारत में व्यापार करना कठिन था. निवेशक देश में आने से कतराते थे.
शीर्ष 50 देशों की रैंकिंग में शामिल होने का लक्ष्य
जेटली ने लिखा है कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार का उद्देश्य भारत को कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष-50 देशों की सूची में शामिल करना है. उस समय भारत 142वें पायदान पर था और उन्होंने 92 स्थानों की छलांग लगाने की बात कही. जेटली ने कारोबारी गतिविधियों के लिये समयसीमा को घटाना और इसमें लगने वाली लागत और प्रक्रियाओं की संख्या को कम करने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम सुधारों की मौजूदा रफ्तार को जारी रखते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा हो सकता है. केवल लक्ष्य एवं उद्देश्य उन्मुख सरकार ही इसे हासिल कर सकती है.’’
विरासत में मिला 142वां स्थान, अब 77वें पायदान पर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2014 में खुद से सभी मानदंडों पर काम करना शुरू किया. ‘‘सुधारों के जरिये आगे बढ़ते हुये हमने विरासत में मिले 142वें स्थान से आगे बढ़ते हुये पहले दो साल में 130वां स्थान हासिल किया. तीसरे साल में हमने 30 स्थानों की छलांग लगाकर 100वां स्थान हासिल किया और चौथे साल में हम 77वें पायदान पर पहुंच गये. मोदी सरकार के पहले चार साल में हमने 65 स्थान की छलांग लगाई. हम अभी भी लक्ष्य से 27 स्थान पीछे हैं.’’ कारोबारी सुगमता की दिशा में आगे बढ़ने की रूपरेखा पर जेटली ने लिखा कि करों के भुगतान के लिये जीएसटी और दिवाला मामलों के समाधान के लिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण जैसे तंत्र स्थापित किये गये हैं. इनके शुरुआती परिणाम उत्साहित करने वाले हैं और जब इसके पूरे साल के प्रदर्शन पर विचार किया जायेगा तो इन दो श्रेणियों में हमारी स्थिति मजबूत होगी.
Source : PTI