चित्र सुना रहे विधवाओं के संघर्ष और समाज द्वारा उन पर थोपी गई बंदिशों की कहानी

पेंटिंग के जरिये उनकी विपत्तियों और असमानताओं को संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में प्रदर्शित किया गया है

author-image
Sushil Kumar
New Update
चित्र सुना रहे विधवाओं के संघर्ष और समाज द्वारा उन पर थोपी गई बंदिशों की कहानी

The story of widows struggles

Advertisment

राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया हैबिटेट सेंटर स्थित विजुअल आर्ट गैलरी में शुक्रवार को 40 चित्रों की प्रदर्शनी शुरू हुई, जिनमें महाराष्ट्र के बीड जिले में विधवाओं के संघर्ष और समाज द्वारा उन पर थोपी गई बंदिशों की कहानी उभर आई है. यह प्रदर्शनी 29 अगस्त तक चलेगी शोधकर्ता और प्रभाववादी-अमूर्त विषय की कलाकार डॉ. कोटा नीलिमा ने 'द नेचर ऑफ थिंग्स' (वस्तुओं की प्रकृति) नामक प्रदर्शनी के बारे में बताया कि इन चित्रों में भारतीय गांवों की जमीनी हकीकत में व्याप्त दोहरेपन यानी विभेदों को एक नए रूप में पेश किया गया है. पेंटिंग के जरिये उनकी विपत्तियों और असमानताओं को संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में प्रदर्शित किया गया है.

उन्होंने कहा, "यह प्रदर्शनी कलाकारों की कृतियों की बिक्री के जरिये आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों की मदद और उनकी कठिनाइयों को दूर करने के प्रयास का एक हिस्सा है."कार्यक्रम में डॉ. नीलिमा ने कहा, "इन चित्रों को न सिर्फ बीड की विधवाओं की जिंदगी के लिए संघर्ष के तौर पर, बल्कि भारत के गांवों में फैली भयंकर कठिनाइयों के प्रतीक के रूप में भी देखा जाना चाहिए. यह देखा जाना चाहिए कि कैसे पुरुष प्रधान देश और समाज द्वारा सात तरह की असमानताएं उन विधवाओं पर लादी गई हैं, जो हमें परंपरा, प्रक्रिया, हैसियत, अवसरों, मूल्यों, मालिकाना हक और मताधिकार के रूप में दिखाई देती हैं."

आयोजन में कर्नाटक के अजीज प्रेमजी विश्वविद्यालय, आजीविका ब्यूरो (राजस्थान), महाराष्ट्र के ग्रामीण समाज परिवर्तन फाउंडेशन (वीएसटीएफ), तेलंगाना के र्मी चन्ना रेड्डी फाउंडेशन और उत्तर प्रदेश का ईएंडएच फाउंडेशन का सहयोग शामिल है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा और वाशिंगटन डीसी स्थित जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के द पॉल एच. नित्ज स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज की दक्षिण एशिया शाखा में वरिष्ठ रिसर्च फेलो (अध्येता) डॉ. नीलिमा की कृतियां भारत के कई शहरों और विदेश में प्रदर्शित की जा चुकी हैं. शंघाई के चाइना कला संग्रहालय और बेल्जियम के म्यूजियम ऑफ सेक्रेड आर्ट के स्थायी संग्रह केंद्र में भी उनकी कलाकृतियां पेश की गई हैं.

Source : आईएनएस

maharashtra painting widow india habitate centre fine art
Advertisment
Advertisment
Advertisment