केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों पर गतिरोध जारी है. आज किसानों के आंदोलन को 55 दिन हो गए हैं. अब तक किसानों और सरकार के बीच 9 दौर की वार्ता भी हो चुकी है, जो बेनतीजा रही है. किसान इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए तो सरकार इन्हें वापस नहीं लेने पर अड़िग है. दोनों पक्षों में बनी डेड लॉक की स्थिति के बीच अब इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी का आज पहली बैठक होने जा रही है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले के समाधान के लिए कमेटी का गठन किया था.
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इस कमेटी के सदस्य अनिल घनवट ने बताया कि हम मंगलवार (आज) बैठक करेंगे, जिसमें सिर्फ समिति के सदस्य शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि हम वार्ता से संबंधित बिन्दुओं को लेकर आपसी चर्चा करेंगे और फिर आगे की कार्रवाई तय करेंगे. अनिल घनवट ने यह भी बताया कि चार सदस्यों में से एक ने समिति से खुद को अलग कर लिया था है. ऐसे में यदि शीर्ष अदालत नए सदस्य की नियुक्ति नहीं करती है, तो मौजूदा सदस्य जारी रहेंगे. बता दें कि समिति कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले किसानों का पक्ष सुनकर दो महीने के भीतर शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.
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आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित इस कमेटी में अनिल घनवट के अलावा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, कृषि-अर्थशास्त्रियों अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी को शामिल किया गया था. मान ने हालांकि खुद को इस समिति से अलग कर लिया था. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों के अमल पर भी रोक लगा दी थी.