अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू महासभा की ओर से सुझाए गए नामों को नहीं माना है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए जस्टिस खलीफुल्ला, श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू का नाम तय किया है. पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा ने अपनी ओर से तीन नाम सुझाए थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना है.
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अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट को तीन नामों के सुझाव दिए थे. इनमें पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक शामिल थे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद केस को मध्यस्थता के लिए भेज दिया. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी होगी.
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अयोध्या भूमि विवाद की मध्यस्थता के लिए 3 लोगों का पैनल बनाया गया है और 8 हफ्ते में मध्यस्थता पूरी करनी होगी. 4 हफ्ते में मध्यस्थता की प्रगति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देनी होगी. मध्यस्थता के लिए जस्टिस एफएम इब्राहिम खलीफुल्ला, श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू का नाम तय किया गया है. जस्टिस खलीफुल्ला मध्यस्थता पैनल की अध्यक्षता करेंगे. एक हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद से शुरू करनी होगी. मध्यस्थता की मीडिया रिपोर्टिंग से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. बता दें कि श्रीश्री रविशंकर एक बार पहले भी अपनी ओर से मध्यस्थ की भूमिका निभा चुके हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह मध्यस्थता के लिए बने पैनल के लोगों को पूरी सहूलियत उपलब्ध कराए. पैनल को जरूरत पड़ने पर विधिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.
Source : News Nation Bureau