कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वेरिएंट डेल्टा से छह गुना अधिक घातक हो सकता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट ने जमकर तबाही मचाई थी.अब नए वेरिएंट का नाम सामने आने के बाद से लोगों के बीच इसे लेकर कई आशंकाएं हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि वायरस के संबंध में अभी तक हमारे सामने क्या सूचानाएं हैं.
दिल्ली के एम्स अस्पताल के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी ओमिक्रॉन नाम के नए वेरिएंट को लेकर जो सूचनाएं मिल रही हैं, उनसे कई संभावनाओं को संकेत मिलता है. मगर अभी ठोस नतीजे पर पहुंचने के लिए उन्हें वैज्ञानिक आधार को जांचना होगा.
नए वेरिएंट का WHO ने नाम रखा 'ओमिक्रॉन'
डॉक्टर गुलेरिया ने रविवार को मीडिया से कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन के 30 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं. ये म्यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं. डॉक्टर गुलेरिया के अनुसार वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने के कारण वेरिएंट ऐसी क्षमता का विकास करता है, जिसमें कि वो इम्युनिटी से भी बच सकता है.इसका मतलब है कि टीके या दूसरी वजहों से शरीर प्रतिरोधी क्षमता का लाभ नहीं होगा.
एम्स प्रमुख के अनुसार दुनिया की सभी कोरोना वैक्सीनों की समीक्षा करनी होगी क्योंकि अधिकतर वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबॉडी को विकसित करते हैं और इसी आधार पर वो वैक्सीन काम करती है.
नए वेरिएंट के बारे में पुष्टि की
वायरस का ये नया वेरिएंट इस माह सबसे पहले दक्षिण अफ़्रीका में पाया गया था. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसकी सूचना मिली. संगठन ने फिर 24 नवंबर को इस नए वेरिएंट के बारे में पुष्टि की और बाद में बयान जारी किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते सप्ताह कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट को "चिंता का विषय" बताते हुए इसका नाम ओमिक्रॉन रखा था.
संगठन ने एक बयान में बताया कि इस वेरिएंट के बहुत सारे म्यूटेशन हो रहे हैं और इससे दोबारा संक्रमित होने का खतरा अधिक है. कोरोना के इस नए वेरिएंट को सबसे पहले दक्षिण अफ़्रीका की डॉक्टर एंजेलिक़ कोएत्ज़ी सामने लेकर आईं. उन्होंने बताया कि अभी तक वहां जिन लोगों में ये वेरिएंट मिला है. उनमें कोविड के "बहुत मामूली लक्षण" मिले हैं.
बदन में दर्द और थकावट
एंजेलिक़ कोएत्ज़ी ने बताया कि इससे ग्रस्त अधिकतर मरीज बदन में दर्द और बहुत ज़्यादा थकावट की शिकायत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये बात युवाओं के बारे में कर रही हूँ. मैं उन लोगों की बात नहीं कर रही जो अस्पताल जाकर भर्ती हो गए."हालांकि, डॉक्टर कोएत्ज़ी ने कहा कि ऐसे लोग जिन्हें खतरा अधिक है, उनपर इस वेरिएंट के असर की गंभीरता का अनुमान लगाने में अभी समय लगेगा.
HIGHLIGHTS
- ठोस नतीजे पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिक आधार को जांचना होगा
- इस वेरिएंट के बहुत सारे म्यूटेशन हो रहे हैं
- इससे दोबारा संक्रमित होने का खतरा अधिक है
Source : News Nation Bureau