दिल्ली विश्वविद्यालय ने शहीद ए आजम भगत सिंह की कोठरी को किया संरक्षित

दिल्ली विश्विद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि शहीद भगत सिंह को वाइस रीगल लॉज के तहखाने में एक दिन के लिए कैद रखा गया था.

author-image
Ravindra Singh
New Update
bhagat singh

भगत सिंह( Photo Credit : फाइल)

Advertisment

दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज के तहखाने में बनी एक कोठरी में शहीद ए आजम भगत सिंह को रखा गया था. अब यह भवन कुलपति का कार्यालय है. विश्वविद्यालय ने भगत सिंह की स्मृति में यह कोठरी संरक्षित की है. कोठरी में सुराही, लालटेन, शहीदों के चित्र और एक खाट रखी गई है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसी कक्ष में एक पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र खोला. यहां शहीद भगत सिंह के लेखन और उन पर हुए विद्वानों के अन्य कार्य प्रदर्शित किए जा रहे हैं. दिल्ली विश्विद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि शहीद भगत सिंह को वाइस रीगल लॉज के तहखाने में एक दिन के लिए कैद रखा गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय समुदाय न केवल हमारे शहीदों की स्मृतियों को संजोता है, बल्कि उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्र की सेवा के लिए भी प्रेरित करता है.

यह कोठरी छात्रों के लिए खोली जा रही है. डीयू के छात्रों के लिए महीने के दूसरे या चौथे शनिवार को यह स्थान खोला जाएगा. डॉ. निशंक ने कहा, भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के सूत्रधार शहीद भगत सिंह और उनके सहयोगी शिवराम हरि राजगुरु और सुखदेव थापर का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है. उन लोगों का जीवन अनुकरणीय है जो मातृभूमि और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने बलिदानों के माध्यम से भावी पीढ़ियों में राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ और समर्पण भाव रखने की प्रेरणा देते हैं.

निशंक ने मंगलवार को शहीद दिवस के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के देश की आजादी में उनके योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 1922 में दिल्ली विश्वविद्यालय की नींव रखी गई थी और शुरूआत में केवल तीन महाविद्यालय 1881 में स्थापित सेंट स्टीफन महाविद्यालय, 1899 में स्थापित हिन्दु महाविद्यालय और 1917 में स्थापित रामजस महाविद्यालय इससे संबद्ध थे.

डॉ. निशंक ने आगे बताया कि केवल तीन महाविद्यालयों, दो संकायों (कला और विज्ञान) और लगभग 750 छात्रों के साथ शुरू होकर आज 16 संकायों, 80 से अधिक शैक्षणिक विभागों, 90 महाविद्यालयों और सात लाख से अधिक छात्रों के साथ भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ है. विश्वविद्यालय की दृष्टि और उद्देश्य राष्ट्र निर्माण और सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों के पालन के प्रति इसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है जो इसके ध्येय वाक्य 'निष्ठा धृति सत्यम' में परिलक्षित होती है. 
इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीसी जोशी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य फैकल्टी सदस्य एवं निदेशक उपस्थित थे.

HIGHLIGHTS

  • कोठरी में सुराही, लालटेन, शहीदों के चित्र
  • डीयू द्वारा आयोजित किया गया था कार्यक्रम
  • वाइस रीगल लॉज के तहखाने में कैद हुए थे भगत सिंह
delhi university Bhagat Singh University of Delhi Shaheed-e-Azam Bhagat Singh Indian Revolutionary
Advertisment
Advertisment
Advertisment