उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाएं यूं तो एक साल से चल रही हैं. लेकिन चुनाव से महज 6 माह पहले मंत्रीमंडल का विस्तार होना लगभग तय हो गया है. रक्षाबंधन के बाद विस्तार की घोषणा होने का अनुमान है. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक विस्तार पूरी तरह से जातिय समीकरण को साधकर किया जाएगा. साथ ही क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखे जाने की खबर है. भाजपा के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में अति पिछड़े, दलित, जाट, गुर्जर और ब्राह्मण चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी है. वेस्ट यूपी से भी मंत्रीमंडल में कम से कम 2 चेहरों को शामिल किया जाना तय माना जा रहा है. इसके लिए विधायकों ने बड़े नेताओं की परिक्रमा शुरु भी कर दी है. अब कुर्सी किसके हाथ लगेगी. ये तो रक्षाबंधन के बाद ही पता चल पाएगा.
दे चुके हैं संकेत
दरअसल, खबरों के मुताबिक दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(cm yogi) और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत संगठन मंत्री सुनील बंसल( sunil bansal) की मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा(jp nadda) और गृह मंत्री अमित शाह(amit sha) से हुई थी. जिसमें मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर सभी चर्चा हो चुकी हैं. क्योंकि यूपी विधान सभा चुनाव के महज 6 माह ही बाकी हैं. इसलिए विस्तार में जातिगत व क्षेत्रीय समीकरण का पूरा ध्यान रखने की तैयारी हैं. आपको बता दें कि संभावित मंत्रीमंडल विस्तार में अभी 7 मंत्री और बन सकते हैं. फिलहाल 53 मंत्री योगी कैबीनेट में हैं. कोरोना काल में कई मंत्रियों की डेथ होने के चलते अभी उनकी सीट भी खाली ही चल रही है.
दो साल पहले हुआ था विस्तार
सरकार बनने के बाद यह दूसरा मंत्री मंडल विस्तार होगा. क्योंकि करीब 2 साल पहले एक विस्तार हो चुका है. जिसमें खराब प्रदर्शन के कारण कई मंत्रियों को हटाया गया था. साथ ही कई का प्रमोशन भी किया गया था. हालाकि इस बार किसी भी मंत्री की कुर्सी जाने की संभावनाएं कम ही हैं. क्योंकि यह विस्तार पूरी तरह से मिशन 2022 को देखते हुए किया जा रहा है. मंत्रीमंडल की चर्चा तेज होते ही नेताओं का लखनऊ में डेरा जमना शुरु हो गया है.
HIGHLIGHTS
- 2022 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा विस्तार
- जातिय समीकरण साधने की रहेगी कोशिश
- अपनी-अपनी गोटी बैठाने में लगे विधायक
Source : News Nation Bureau