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देश में होम टेस्टिंग किट की बढ़ी मांग, क्या RT-PCR ही है बेहतर विकल्प 

एंटीजन टेस्ट का उपयोग नाक के जरिये किए जाते हैं और इसके नतीजे भी सिर्फ 15 मिनट में आ जाते हैं जो बेहद सुविधाजनक हैं.

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Vijay Shankar
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Home Testing Kit

Home Testing Kit ( Photo Credit : File)

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देश में कोविड केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. विशेषज्ञों की मानें तो इस बार तीसरी कोविड लहर (Covid Wave) का प्रसार दूसरी लहर से भी ज्यादा है. कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का ठीक-ठीक पालन नहीं करने की वजह से केसों की संख्या में भी लगातार वृद्धि जारी है. भारत में रविवार तक 2 लाख 59 हजार नए केस दर्ज हुए हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार केसों की संख्या बढ़ रही है. ओमीक्रॉन (Omicron) मामलों की संख्या बढ़कर 8,209 हो गई है जो पिछले दिन की तुलना में 6.02% अधिक है. देश में डेल्टा और ऑमीक्रॉन वेरिएंट का आना लोगों की चिंता का मुख्य कारण है. कोविड केसों की संख्या बढ़ने से देश भर में होम टेस्टिंग किट की मांग भी अचानक बढ़ गई है. खासतौर पर दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में जहां कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बाजार में फिलहाल 250 रुपये से 350 रुपये के बीच यह किट उपलब्ध है जो आरटी-पीसीआर की तुलना में काफी सस्ती है. जहां होम टेस्टिंग किट के जरिये खुद का पता लगाया जाता है वहीं आरटी-पीसीआर स्वास्थ्य तकनीशियनों द्वारा किया जाता है. होम टेस्टिंग किट इस्तेमाल करने के बीच फिलहाल यह सवाल भी लोगों के मन में उठ रहा है कि क्या इस किट की तुलना में आरटी-पीसीआर ही बेहतर विकल्प है?

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होम टेस्टिंग किट कितने विश्वसनीय हैं?

एंटीजन टेस्ट का उपयोग नाक के जरिये किए जाते हैं और इसके नतीजे भी सिर्फ 15 मिनट में आ जाते हैं जो बेहद सुविधाजनक हैं. अब सवाल उठता है कि होम टेस्टिंग किट और आरटी-पीसीआर दोनों में कौन सा किट विश्वसनीय है. शालीमार  स्थित फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. विकास मौर्य का कहना है कि होम टेस्टिंग किट जीन टेस्टिंग की तुलना में कम विश्वसनीय हैं जो गलत निगेटिव या पॉजिटिव रिजल्ट भी दे सकता है. पॉजिटिव-निगेटिव रिपोर्ट को लेकर वे कहते हैं कि यह बिल्कुल असामान्य है, लेकिन कुछ प्रोटीनों का पता लगाने के कारण 100 या अधिक टेस्टिंग में से एक का परिणाम सही हो सकता है. एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सीईओ आनंद का कहना है कि RAT मरीजों को सुरक्षा का झूठा एहसास दे सकता है, क्योंकि अधिकांश समय इसकी रिपोर्ट सही नहीं होती. एहतियाती टेस्ट के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए होम किट इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.

अभी भी आरटी-पीसीआर ज्यादा प्रभावकारी

नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के संक्रामक रोग के सलाहकार डॉ. लक्ष्मण जेसानी का कहना है कि सेल्फ टेस्ट 25-30 प्रतिशत मामलों में  निगेटिव रिपोर्ट देता है. निगेटिव रिजल्ट का मतलब है कि टेस्ट के दौरान वायरस का पता नहीं चला है या आपके संक्रमण का पता नहीं लगा पाया, लेकिन इसका मतलब यहीं नहीं है कि आप संक्रमित नहीं हो सकते. जसलोक अस्पताल के जराचिकित्सा विभाग के सलाहकार डॉ. नागनाथ नरसिम्हन प्रेम का कहना है कि RAT निश्चित रूप से कारगर है, लेकिन उनकी सटीकता अभी भी बहस का विषय है. इसमें कोई संदेह नहीं कि आरटी-पीसीआर होम टेस्टिंग किट की तुलना में ज्यादा प्रभावकारी है. 

लोग होम टेस्टिंग किट को दे रहे तवज्जो

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ डॉक्टर तेजी से परीक्षण के साथ-साथ आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए भी कह रहे हैं जिसमें औसतन 48-72 घंटों का समय लग रहा है। ऐसे में लोग इतने घंटों का इंतजार नहीं करना चाहते. कोरोना किट की मदद से आसानी और तेजी से परीक्षण हो जाता है. इस वजह से लोग होम टेस्टिंग किट को ही तवज्जो दे रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि लोगों ने कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच घरों में किट को स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है. 

​क्या एंटीजन टेस्ट से लग सकता है ओमिक्रॉन का पता

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने हाल ही में बताया है कि रैपिड टेस्ट के जरिए कोरोना वायरस का पता लगाया जा सकता है. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि व्यक्ति इसके कौन से वेरिएंट से संक्रमित है, चाहे इसमें वह अल्फा से संक्रमित हो, डेल्टा से, बीटा से या फिर ओमीक्रॉन से. हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं कि आरटी पीसीआर टेस्ट को सबसे ज्यादा एक्यूरेट माना जाता है. इसमें चाहे आप रैपिड टेस्ट की बात करें या घर में किए जाने वाले टेस्ट की. इन सभी में सबसे सटीक परिणाम देने वाला आरटी पीसीआर टेस्ट ही है. इसलिए डॉक्टर भी होम टेस्टिंग किट की तुलना में आरटी-पीसीआर को ही तवज्जो देते हैं.

HIGHLIGHTS

  • कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने से लगातार बढ़ रहे नए केस
  • कोविड केसों की संख्या बढ़ने से देश भर में बढ़ी होम टेस्टिंग किट की मांग
  • डॉक्टरों की नजर में अभी भी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए बेहतर विकल्प
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