प्रकाश जावड़ेकर को मोदी सरकार 2.0 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह पीएम मोदी की पिछली सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय देख रहे थे. नई सरकार में यह मंत्रालय रमेश पोखरियाल निशंक को मिला है.
भले ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर के पास नहीं है लेकिन उनके कार्यकाल के कामों का सवाल पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. थ्री लैंग्वेज सिस्टम को उनके कार्यकाल में ही लाया गया था. जिसे लेकर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उनकी या उनके सरकार की मंशा यह बिल्कुल भी नहीं है कि किसी पर कोई भाषा थोपी जाए.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'किसी पर कोई भाषा थोपने का कोई इरादा नहीं है, हम सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं. यह समिति द्वारा तैयार किया गया एक मसौदा है, जिसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार द्वारा तय किया जाएगा.'
बच्चे जिस भी भाषा में पढ़ना चाहते हैं यह उनका अपना अधिकार है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर बनी ड्राफ्टिंग कमेटी लोगों का फीडबैक लेने के बाद ही आगे का निर्णय लेगी. प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि अभी सिर्फ रिपोर्ट सौंपी गई है. सरकार ने इसे अभी देखा तक नहीं है इसलिए ये गलतफहमी फैल गई है और ये झूठ है. इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मोदी सरकार भारत की सभी भाषाओं को आगे बढ़ाना चाहती है. इसका मतलब यह नहीं है कि वह जबरन किसी पर कोई भाषा थोपना चाहती है.