लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने महंगाई पर चर्चा करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में खड़े होने और पहचाने जाने में सक्षम हैं. वित्त मंत्री ने कहा, हमने इस तरह की महामारी कभी नहीं देखी. हम सभी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को अतिरिक्त मदद दी जाए. मैं मानती हूं कि सभी सांसदों और राज्य सरकारों ने अपनी भूमिका निभाई है. अन्यथा, भारत वह नहीं होता जहां उसकी तुलना दुनिया के बाकी हिस्सों से की जाती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज सुबह हमने जुलाई के पूरे महीने के लिए जीएसटी (GST) संग्रह की घोषणा की है. जुलाई 2022 में हमने जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा उच्चतम स्तर हासिल किया है जो 1.49 लाख करोड़ रुपये है. यह लगातार पांचवां महीना है जब कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है.
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के मंदी या मंदी की चपेट में आने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि विपक्ष ने मुद्रास्फीति की दर में हालिया उछाल पर सरकार के खिलाफ सवाल खड़े किए हैं. सीतारमण ने आवश्यक वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण रखने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने न केवल मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया है बल्कि देश के कर्ज को कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया है. लोकसभा में मूल्य वृद्धि पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, "भारत का सामान्य कर्ज भी कई अन्य देशों की तुलना में अच्छी स्थिति में है. उन्होंने कहा कि अनुमानों को कम करने के बावजूद भारत को अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाना जा रहा है. वित्तमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि महंगाई पर चर्चा के दौरान केवल राजनीतिक बातें की गईं. उन्होंने कहा कि इस दौरान 30 सांसदों ने बढ़ते दामों पर बात की, लेकिन आंकड़े पेश करने के बजाए यह लोग केवल राजनीतिक मुद्दों पर ही बोलते रहे. वित्तमंत्री जब जवाब दे रही थीं, उसी दौरान कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.