ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया ऐसा कोई प्रमाण नहीं, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया, ऐसा कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है...सुप्रीम कोर्ट में ताजमहल के वास्तविक इतिहास का अध्ययन करने,

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Sunder Singh
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file photo( Photo Credit : News Nation)

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ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया, ऐसा कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है...सुप्रीम कोर्ट में ताजमहल के वास्तविक इतिहास का अध्ययन   करने, अस्तित्व से संबंधित विवाद को खत्म करने और उसके इतिहास को पारदर्शी बनाने के लिय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (तथ्यों का पता लगाने वाली समिति) बनाने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता डॉ. रजनीश सिंह का कहना है की भले ही ऐसा कहा जाता है की ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल के लिए 1631 से 1653 तक 22 वर्षों की अवधि के दौरान कराया था, लेकिन इस तथ्य को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. 

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इसलिए अलग -अलग लोग अलग अलग बातें करते हैं, इससे विवाद पैदा होता है, इसलिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की जरूरत है. याचिकाकर्ता का कहना है की वो ताजमहल पर कोई दवा करके किसी तरह का विवाद भी खड़ा नहीं कर रहे, सिर्फ ताजमहल के वास्तविक इतिहास को सामने लाना चाहते हैं, क्योंकि मुगल बादशाह के निर्माण वाली बात का कोई वैज्ञानिक या ठोस आधार नहीं है.याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

इस आधार पर उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी कि यह मामला न्यायिक रूप से सुनवाई के लिए उचित नहीं हैं. याचिकाकर्ता एडवोकेट समीर श्रीवास्तव हैं. उनका कहना है की एनसीईआरटी ने उन्हें आरटीआई  में जवाब दिया कि शाहजहां द्वारा ताजमहल के निर्माण के संबंध में कोई प्राथमिक स्रोत उपलब्ध नहीं है. याचिकाकर्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में एक और आरटीआई दायर की लेकिन उससे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इसलिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई.

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