गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के बारे में आप सभी ने सुना होगा. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आखिर क्यों इसको हिंदू धर्म में इतनी अधिक मान्यता दी गई है. दोस्तों इसमें स्वर्ग, नरक, पाप, पुण्य के अलावा कई अन्य विषयों पर भी गहन्ता से बात की गई है जैसे इसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बाते हैं तो वहीं गरुड़ पुराण में एक ओर जहां मौत का रहस्य है जो दूसरी ओर जीवन का रहस्य भी छिपा हुआ है.
गरुड़ पुराण से हमे कई तरह की शिक्षाएं मिलती है. गरुण पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है. यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है. गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है. 18 पुराणों में से इसे एक माना जाता है. गरुड़ पुराण में हमारें जीवन को लेकर कई गूढ बातें बताई गई है. जिनके बारें में व्यक्ति को जरूर जनना चाहिए. इनमें से कुछ बातों पर आइए हम आपको भी बताते हैं...
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संयम और सतर्कता : जिंदगी है तो मित्र भी हैं और शत्रु भी. कहते हैं कि जिसका कोई शत्रु नहीं वह अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर रहा है. ऐसे में उसका कोई मित्र भी नहीं होता. इसका यह मतलब नहीं कि हम जानबूझकर लोगों को शत्रु बनाएं. यदि हम अपने तरीके से जी रहे हैं तो निश्चित ही शत्रु बनना स्वाभाविक है.
शत्रु या दुश्मन में से कुछ सामान्य होते हैं और कुछ खतरनाक. अर्थात ऐसा शत्रु जो दिल पर ले लेला है. जिंदगी को हल्के फुल्के में नहीं लेते हैं. अब ऐसे शत्रुओं से चतुराई से शत्रु बचना होता है अन्यथा वह कब, कहां और कैसे आपको चोट देने इसका कोई भरोसा नहीं.
गरुड़ पुराण के नितिसार में कहा गया है कि शत्रुओं से निपटने के लिए सतर्कता और चतुरता सहारा लेना चाहिए. शत्रु लगातार हमें नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते रहते हैं. ऐसे में यदि हम चतुरता नहीं दिखाएंगे तो नुकसान उठाएंगे. इसलिए जैसा शत्रु है, उसके अनुसार नीति का उपयोग करके उसे काबू में रखा जाना चाहिए.
ज्ञान का संवरक्षण अभ्यास से : कितना ही कठिन से कठिन सवाल हो, ज्ञान हो, विद्या हो या याद रखने की कोई बात हो वह अभ्यास से ही संवरक्षित रखी जा सकती है. अभ्यास करते रहने से व्यक्ति उक्त ज्ञान में पारंगत तो होता ही है साथ ही वह उसे कभी नहीं भूलता है.
करत करत अभ्यास के जङमति होत सुजान,
रसरी आवत जात, सिल पर करत निशान.
अर्थात जब रस्सी को बार-बार पत्थर पर रगङने से पत्थर पर निशान पङ सकता है तो, निरंतर अभ्यास से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान बन सकता है.
अभ्यास के बगैर विद्या नष्ट हो जाती है. यदि ज्ञान या विद्या का समय समय पर अभ्यास नहीं करेंगे तो वह भूल जाएंगे. गरुड़ पुराण के अनुसार माना जाता है कि जो भी हम पढ़े उसका हमें हमेशा एक बार अभ्यास करना चाहिए. जिससे की वह ज्ञान हमारे मस्तिष्क में अच्छे से जम जाए.
निरोगी काया : संतुलित भोजन करने से ही निरोगी काया प्राप्त होती है. भोजन से ही व्यक्ति सेहत प्राप्त करता है और भोजन से ही वह रोगी हो जाता है. भोजन ही हमारे शरीर का मुख्य स्रोत है.
हमें हमेशा आधी से ज्यादा बीमारी इस वजह से होती है कि हम असंतुलित खान-पान लेते हैं. जिसके कारण हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है. इसलिए हमें सदैव सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. ऐसे भोजन से पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और भोजन से पूर्ण ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है. पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और इस वजह से हम रोगों से बचे रहते हैं.
एकादशी-व्रत : एकादशी व्रत को ग्रंथों और पुराणों में श्रेष्ठ बताया गया है. गरुड़ में तो इसका महिमा का खूब बखान किया गया है. जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता वह सभी कष्टों से बचा रहता है. उसे उस व्रत का निश्चित ही लाभ मिलता है.
एकादशी व्रत रखने के कुछ नियम होते हैं. इस व्रत को नियम अनुसार ही रखना चाहिए. इस दिन सिर्फ फलाहार ही लेना चाहिए. किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करना चाहिए तभी यह व्रत फल देते है. ज्योतिषियों अनुसार इसे रखने से चंद्र का कैसा भी बुरा असर हो वह खत्म हो जाता है.
तुलसी का महत्व समझे : हालांकि तुलसी का महत्व गरुड़ पुराण के अलाव अन्य कई पुराणों में भी बताया गया है. तुलसी को घर में रखने से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. इसका प्रतिदिन सेवन करने से किसी भी प्रकार से व्यक्ति को कोई रोग हो नहीं सकता.
तुलसी को अपने घर में स्थान देने तथा जल देने से अवरुद्ध रास्ते खुल जाते हैं. इन्हें भगवान के प्रसाद में सेवन करने से सारे शारीरिक और मानसिक विकार दूर होते हैं. विष्णुजी की पूजा के पश्चात इनकी पुजा करने से बहुत फल मिलता है.
मंदिर और धर्म का सम्मान करें : किसी भी देवी, देवता या धर्म का अपमान करने वाले को एक दिन जिंदगी में पछताना होता है और वह नरर्क में जाता है. गुरुड़ पुराण अनुसार ऐसे लोगों के बारे में बहुत कुछ लिखा हुआ है. गुरुड़ पुराणानुसार पवित्र (मंदिर आदि जगहों पर) स्थानों पर गंदे काम करने वाले, अच्छे लोगों को धोखा देने वाले, किसी के अहसान के बदले उन्हें गाली और उनका दुरुपयोग करने वाले, धर्म, वेद, पुराण और शास्त्रों के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को नर्क से कोई नहीं बचा सकता है.
कपड़े हो साफ एवं सुगंधित : यदि आप अमीर, धनवान या सौभाग्यशाली बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप साफ-सुथरे, सुंदर और सुगंधित कपड़े पहने. गरुण पुराण के अनुसार उन लोगों का सौभाग्य नष्ट हो जाता है जो गंदे वस्त्र पहनते हैं.
जिस घर में ऐसे लोग होते हैं जो गंदे वस्त्र पहनते हैं उस घर में कभी भी लक्ष्मी नहीं आती है. जिसके कारण उस घर से सौभाग्य भी चला जाता है और दरिद्रता का निवास हो जाता है. देखा गया है कि जो लोग धन और सभी सुख-सुविधाओं से संपन्न हैं, लेकिन फिर भी वह लोग गंदे कपड़े पहनते हैं उनका धन धीरे धीरे नष्ट हो जाता है. इसलिए हमें साफ एवं सुगंधित कपड़े पहननें चाहिए जिससे हमारे ऊपर महालक्ष्मी की कृपा बनी रहे.
Source : News State