गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के सोमवार को नतीजे आने के बाद बीजेपी अब असमंजस की स्थिति में दिख रही है। दरअसल पार्टी की जीत के बाद हिमाचल और गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई कद्दावर चेहरा सामने नहीं आ पाया है।
बताया जा रह है कि गुजरात में सीएम कैंडिडेट के रूप में चुनाव के पहले विजय रूपाणी को ही माना जा रहा था। लेकिन, चुनावी नतीजे आने से पहले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा था कि सीएम कौन होगा यह विधायक दल तय करेगा।
इस बयान के बाद सीएम पद के लिए नितिन पटेल को दावेदार माना जा रहा है। हालांकि बीजेपी हाई कमान ने गुजरात में सीएम कैंडिडेट ढूंढने की जिम्मेदारी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को दी है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि गुजरात सीएम के लिए केंद्र से भी किसी बड़े नेता को भेजा सकता है।
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नहीं मिल रहा मोदी का विकल्प
गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी जैसा ताकतवार चेहरा पार्टी को नहीं मिल रहा है। जब मोदी केंद्र में आए थे तो उन्होंने आनंदीबेन पर भरोसा जताया था। लेकिन एक के बाद एक राज्य सरकार के खिलाफ जो आंदोलन हुए उन्हें आनंदीबेन संभाल नहीं पाईं। इसलिए पार्टी ने विजय रूपाणी को मौका दिया और गुजरात की बागडोर उनके हाथों में सौंप दी।
विजय रूपाणी भी अपने कार्यकाल में गुजरात की जनता में छाप नहीं छोड़ पाए। नौबत यहां तक आ गई कि पार्टी को गुजरात हाथ से जाते हुए दिखने लगा। इसके चलते पीएम मोदी ने कमान संभाली और पार्टी की नैया पार लगाई।
इस कश्मकश में सीएम पद के लिए नितिन पटेल की दावेदारी तो मानी ही जा रही है साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को भी गुजरात का सीएम बनाया जा सकता है। हालांकि यह स्थिति पार्टी हाई कमान के फैसले के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
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हिमाचल में सीएम कैंडिडेट ही हारे
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने एक रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल को सीएम कैंडिडेट घोषित किया था। उनके नेतृत्व में ही पार्टी ने चुनाव लड़ा। पार्टी की इतनी बड़ी जीत के बावजूद प्रेम कुमार धूमल खुद चुनाव हार गए। अब पार्टी के लिए असमंजस की स्थिति हो गई है।
पार्टी में बीजेपी के ज्यादातर बड़े नेता जिनमें, प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, पूर्व मंत्री रवींद्र सिंह रवि, गुलाब सिंह ठाकुर (धूमल के समधी), इंदू गोस्वामी और रणधीर शर्मा आदि नाम शामिल हैं ये सभी चुनाव हारे हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी में अब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के नाम पर विचार विमर्श चल रहा है।
हालांकि नड्डा के अलावा पार्टी एक अन्य विकल्प के रूप में अजय जम्वाल पर भी दांव खेल सकती है। जम्वाल संघ से जुड़े रहे हैं और फिलहाल नॉर्थईस्ट में पार्टी संगठन का काम संभाल रहे हैं। हालांकि पार्टी ने आधिकरिक तौर पर प्रदेश में सीएम कैंडिडेट चुनने की यह जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी है।
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Source : News Nation Bureau