उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग निर्माण का काम चल रहा था, लेकिन ठीक 17 दिन पहले ऐसा हादसा हुआ, जिसमें एक नहीं बल्कि 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए. इस सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए करीब 400 घंटे से लगातार ऑपरेशन चल रहा है. ऑपरेशन के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि कई असफल और सफल कोशिशों के बाद मजदूरों को निकालने की उम्मीद जगी है. मौजूदा जानकारी के मुताबिक, कुछ ही घंटों में 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जा सकता है. उन मजदूरों की सलामती के लिए देश भर में दुआएं की जा रही है.
एनडीआरएफ,एयर फोर्स और इंडियन आर्मी मौके पर तैनात
टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए कई विभागों की एक्सपर्ट टीमें मौके पर मौजूद हैं. सुरंग वाले इलाकों को पूरी तरह से सुरक्षा कवच में तब्दील कर दिया गया है. मेडिकल टीमें, एनडीआरएफ, भारतीय सेना और स्टेट बुल पुलिस वहां तैनात हैं. इस मिशन को सफल बनाने के लिए हर विभाग के बेहतरीन अधिकारियों को लगाया गया है.
पल-पल की अपडेट दे रहे हैं नीरज खैरवाल
आईएएस अधिकारी नीरज खैरवाल को सिल्कयारा सुरंग ढहने की घटना के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था और वह पिछले 10 दिनों से घटनास्थल पर मौजूद हैं. हर छोटे-बड़े काम पर उनका फोकस लगातार बना हुआ है. आपको बता दें कि खैरवाल उत्तराखंड सरकार में सचिव भी हैं और अपने अच्छे काम के लिए जाने जाते हैं. इसीलिए उन्हें इसकी कमान सौंपी गई है. खैरवाल पल-पल की अपडेट पीएमओ हाउस और सीएमओ को दे रहे हैं.
भूमिगत सुरंग विशेषज्ञ डिक्स 7 दिन से लगातार डटें हुए हैं
उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए वैज्ञानिक शोधकर्ता और भूमिगत सुरंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स मौके पर मौजूद हैं. इस ऑपरेशन में डिक्स की अहम भूमिका है. वह करीब 7 दिनों से इस ऑपरेशन साइट पर ड़टे हुए हैं.
हसनैन ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कमान संभाली है
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल और एनडीआरएफ टीम के सदस्य सैयद अता हसनैन उत्तराखंड सुरंग आपदा में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कमान संभाली है. आपको बता दें कि हसनैन इससे पहले श्रीनगर में तैनात भारतीय सेना के जीओसी 15 कोर के सदस्य थे. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उनकी अहम भूमिका है.
मुख्य भूमिका में हैं क्रिस कूपर
माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे क्रिस कूपर मौके पर मौजूद हैं. सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए क्रिस को विशेष रूप से तैनात किया गया है. क्रिस अपनी सफलता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. आपको बता दें कि ऋषिकेश रेल परियोजना के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार (international consultant) भी हैं.
Source : News Nation Bureau