फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में सीबीआई जांच तेज हो गई है. इसी के साथ यह भी खुलासा हो रहा है कि सुशांत कि इस हाइप्रोफाइल मामले में पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती है. सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिंक रिपोर्ट में गड़बड़ी हुई है. आइए जानते हैं कि आखिर इस मामले में क्या छुपाया जया है.
क्या कहते हैं फॉरेंसिक एक्सपर्ट
फॉरेंसिक एक्सपर्ट की माने तो कोकीन और एमड़ी जैसे ड्रग्स के सब्सटेंस ह्यूमन बॉडी में महज दो तीन दिन तक पाए जाते हैं. लेकिन चरस और गांजा जैसे ड्रग्स के सब्सटेंस ह्यूमन बॉडी में कम से कम 3 दिन से 30 दिनों तक पाए जाते हैं. इनकी मौजूदगी कंसम्पशन पीरियड पर भी निर्भर करता है. यानी कि जितने ज्यादा समय से कंसम्पशन उतना ज्यादा दिनों तक शरीर मे ड्रग्स के सब्सटेंस मौजूद होने का चांस होता है.
सुशांत के कुक नीरज ने जांच एजेंसियों को ये बात बताई थी कि सुशांत को उनकी मौत से 6 दिन पहले ड्रग्स दिया गया था. नीरज खुद मारिजुआना रोल करके सुशांत को देता था और रिया चक्रबर्ती के कुछ चैट डिटेल्स से भी ऐसा ही खुलासा हो रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर सुशांत ने वाकई मौत से सिर्फ 6 दिन पहले ही ड्रग्स कंज्यूम किया तो उनका पोस्टमार्टम मौत के अगले दिन यानी ड्रग्स कंज्यूम करने के 7वें और फॉरेंसिक जांच 8वें दिन की गई. ऐसे में आखिर उनकी फोरेंसिक रिपोर्ट में ड्रग्स सब्सटेंस मौजूद रहने की बात सामने कैसे नहीं आई?
उठ रहे ये सवाल
इस मामले में लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या फोरेंसिक जांच में गड़बड़ी की गई? क्या मुंबई पुलिस ने इस एंगल को जानबूझकर छिपाया? आखिर इस तथ्य को छिपाने की वजह क्या हो सकती है? ये वहीं सवाल है जिनका जवाब सीबीआई मुंबई पुलिस के जांच अधिकारियों से जानना चाहती है. लेकिन ये अधिकारी अब तक सीबीआई के सामने नहीं आए हैं. शायद यह भी एक वजह हो सकती है कि सीबीआई कूपर हॉस्पिटल के भी बार बार चक्कर लगा रही है.
Source : News Nation Bureau