सोमवार को लोकसभा ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है. इस बिल के माध्यम से सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का उपाय किया है. निचले सदन (लोकसभा) में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि विधेयक में संसद की स्थायी समिति की ज्यादातर सिफारिशों को शामिल किया गया है. कटारिया ने कहा कि इस विधेयक के पारित हो जाने से ट्रांसजेंडर समुदाय के हितों की रक्षा होगी.
केंद्रीय मंत्री ने बिल पेश करते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर्स के लिए शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और उनके कल्याण के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. इसके अलावा ट्रांसजेंजर्स के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए सरकार ने दंड का प्रावधान भी किया है. उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक में, थर्ड जेंडर लोगों के हितों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय परिषद की स्थापना करने की व्यवस्था की गई है. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्ष के कुछ संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी.
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इस विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान प्रमाणपत्र जारी करने के साथ जोर दिया गया है कि ट्रांसजेंडर्स से किसी भी मुद्दों या अन्य संबंधित विषयों में किसी के विरुद्ध कोई भेद-भाव नहीं किया जाएगा. प्रत्येक स्थापना में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने तथा ट्रांसजेंडर व्यक्ति परिषद स्थापित करने एवं उपबंधों का उल्लंघन करने पर दंड देने का भी प्रावधान किया गया है.
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HIGHLIGHTS
- लोकसभा में ट्रांसजेंडर बिल पास
- इस बिल से थर्ड जेंडर के हितो की होगी रक्षा
- सरकार ट्रांसजेंडर्स के कल्याण के लिये कर रही है काम
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो