तमिलनाडु के मदुरै जिले के अवानीयापुरम में तीन साल बाद रविवार को आयोजित हुए जल्लीकट्टू के खेल में 37 लोग घायल हो गए। इनमें एक की हालत गंभीर है।
पुलिस के मुताबिक इस आयोजन में 900 से अधिक साडों का इस्तेमाल किया गया। जल्लीकट्टू के खेल में भाग लेने वाले प्रतिभागी को सांड के कूबड़ (हंप) से लटककर एक निश्चित दूरी तय करनी होती है।
खेल से पहले सांडों और प्रतिभागियों दोनों की चिकित्सकीय जांच की गई। सांड पर काबू पाने वाले विजेताओं को साइकिल, अलमारी, बैग और अन्य सामान पुरस्कार स्वरूप दिए गए। जिन सांडों ने खिलाड़ियों को छकाया और खुद को उनके काबू में नहीं आने दिया, उनके मालिकों को भी पुरस्कृत किया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन पुलिस की भारी तैनाती के बीच हुआ। तमिलनाडु ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए हाल ही में एक विधेयक पारित किया था, जिसने जानवरों के खिलाफ क्रूरता रोकथाम (तमिलनाडु संशोधन) अध्यादेश, 2017 की जगह ली।
यह कानून तमिलनाडु में कई सप्ताह तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार के सहयोग से पारित हुआ। सर्वोच्च न्यायालय ने 2014 में इस खेल पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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आमतौर पर जल्लीकट्टू का आयोजन तमिलनाडु में पोंगल उत्सव के दौरान किया जाता है। हालांकि इस बार सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिबंध की वजह से इसे पोंगल पर आयोजित नहीं किया गया।
(IANS इनपुट के साथ)
HIGHLIGHTS
- हाल ही में तमिलनाडु ने जल्लीकट्टू के लिए विधेयक पारित किया था
- पोंगल के मौके पर रोक के कारण नहीं हो सका था आयोजन, मदुरै में तीन साल बाद खेला गया जल्लीकट्टू
Source : News Nation Bureau