Reorganization Amendment Bill: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पर लोकसभा में जमकर बहस हुई. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल के लक्ष्य पर सभी की सहमति बन गई है. उन्होंने कहा बिल लोगों को न्याय दिलाने वाला है. वे जिस विधेयक को लेकर आए हैं, वह जम्मू के लोगों को के लिए लाभदायक साबित होगा. जिनकी अनदेखी हुई है. इन्हें 70 वर्षों से अन्याय झेलना पड़ रहा है. उन्हें गर्व से जीने का हक मिलेगा. इस दौरान विपक्ष द्वारा काफी तीखी बहस भी हुई.
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70 साल के अन्याय का करेगा खात्मा
केंद्रीय गृह मंत्री के अनुसार, यह बिल 70 सालों में जिनके साथ अन्याय हुआ उन्हें आगे बढ़ाने वाला है. ये लोग अपने ही देश में विस्थापित हुए हैं. इस बिल से उनको सम्मान मिलेगा. शाह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि किसी ने इस बिल का विरोध नहीं किया है. इस बिल पर छह घंटे चर्चा चली है. उन्होंने कहा कि जिन पर आतंकवाद को रोकने का जिम्मा था, वे इंग्लैंड में छुट्टियां मना रहे थे. इस बिल की मदद से आतंकवाद की भयावह त्रासदी झेले लोगों को ताकत मिलेगी. शाह ने आंकड़ों का सहारा लेते हुए कहा कि आतंकवाद की वजह से 46631 परिवार और 157967 लोग अपने राज्य अपने शहर को छोड़कर विस्थापित होकर अन्य राज्यों में जाने को मजबूर होना पड़ा था.
बदल जाएगी सूरत
उन्होंने कहा कि पाक से पहले युद्ध के बाद 31779 परिवार पीओके से विस्थापित होकर 26319 परिवार जम्मू कश्मीर और 5460 परिवार देश भर में फैले. इसके हमने बैलेंस किया. नए बिल के तहत कश्मीर से बाहर विस्थापित 2 चुने सदस्य और अनाधिकृत पाकिस्तान के हिस्से वाले क्षेत्र से 1 चुने प्रतिनिधि का चुनाव होगा. टोटल विधानसभा में पहले तीन नॉमिनेटेड सदस्य होते थे. अब 5 नॉमिनेटेड होंगे. अब जम्मू क्षेत्र में 37 से बढ़ाकर 43 और कश्मीर क्षेत्र में 46 से 47 विधानसभा की सीटें करी गई हैं. सरकार के मुताबिक इस बिल जम्मू कश्मीर की सूरत बदल जाएगी. कश्मीर में रहने वाले लोगों के अपने राज्य का गर्व होगा. साथ ही लोगों को न्याय पाने का सामान अधिकार भी मिलेगा.
HIGHLIGHTS
- पुनर्गठन संशोधन विधेयक पर लोकसभा में हुई बहस
- कश्मीर के लोगों को झेलना पड़ रहा है 70 वर्षों से अन्याय
- बिल के बाद कश्मीर में आएंगे नए बदलाव
Source : News Nation Bureau