डीएमके के अध्यक्ष एम.करुणानिधि की 94वें जन्मदिन और तमिलनाडु विधानसभा का सदस्य बनने की रजत जयंती के मौके पर चेन्नई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सभी विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर एनडीए सरकार के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया।
विपक्षी पार्टियों ने यहां शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बरसते हुए देश को विभाजित करने वाले संप्रदायवाद और फासीवाद का एकजुट होकर मुकाबला करने का आह्वान किया।
करुणानिधि के बेटे स्टालिन ने कहा, 'मोदी सरकार विपक्ष को कुचलने की कोशिश कर रहा है इसलिए यहां सभी विपक्षी दल एकजुट हुए हैं।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा देश में एक विचारधारा है, जो यह सोचता है कि उसके पास सभी सवालों के जवाब हैं। वो किसी दूसरे से बात नहीं करते।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'जब पूरी दुनिया कह रही है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट नोटबंदी की वजह से है, वहीं इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री की अलग राय है।'
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि करुणानिधि का कद बेहद बड़ा है, जिन्होंने दबे-कुचलों और पिछड़ी जातियों के लिए लड़ाई लड़ी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय सचिव डी.राजा ने कहा, 'अगर करुणानिधि मंच पर मौजूद होते, तो वह देश में सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ बोलते।'
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के माजिद मेमन ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल से मुकाबले के लिए करुणानिधि की उपस्थिति की जरूरत है, जब फासीवाद और संप्रदायवाद की हवा देश को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'मोदी सरकार के कारण जो चुनौतियां सामने आई हैं, उसका समाधान साथ आकर ही किया जा सकता है।'
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Source : News Nation Bureau