NRC लिस्ट आने के बाद से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि उन 40 लाख़ लोगों का क्या होगा जिनका नाम सूची में नहीं है। इस सवाल के जवाब में असम NRC संयोजक प्रतीक हजेला ने सफाई देते हुए कहा है कि वो सभी लोग सुरक्षित हैं।
हजेला ने मीडिया को बताया, 'वैसे लोग जिनका असम नेश्नल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स ड्राफ्ट (NRC) में नाम नहीं है उन्हें जेल या बाहर नहीं भेजा जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'सभी 40 लाख़ लोग जिनका नाम लिस्ट से बाहर है वो फिर से दावा करते हुए आवेदन कर सकते हैं। 30 अगस्त से 28 सितम्बर के बीच इन सभी लोगों के आवेदन लिए जाएंगे। उसके बाद सभी लोगों से एक- एक कर मुलाक़ात की जाएगी जिससे की वो समिती के सामने अपनी बात रख सके। आख़िर में सूची पर फैसला कर फिर से लिस्ट जारी की जाएगी।'
हजेला ने कहा कि लोगों के पास उसके बाद भी दावा करने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा, 'लोग निश्चित रूप से सोच रहे होंगे कि वो अब क्या करेंगे। फिलहाल इन लोगों के ख़िलाफ किसी तरह का क़ानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोई भी उनका अधिकार नहीं छीन सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में यह साफ़ स्पष्ट कर दिया है।'
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 31 जुलाई को सुनवाई के दौरान कहा था कि मामले की जटिलता और शिकायत को देखते हुए निष्पक्ष रूप से पूरी प्रक्रिया को अपनाए जाने की जरूरत थी। अगर कुछ लोग इस लिस्ट में जगह नहीं बना सके हैं तो हमें इसे ठीक करना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी लोगों को अपने दावे साबित करने के लिए पर्याप्त मौका मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने NRC कॉर्डिनेटर से लिस्ट में शामिल न किए गए लोगों के दावो की पुष्टि के लिए अपनाए जाने वाली प्रकिया की जानकारी मांगी।
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NRC कॉर्डिनेटर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन लोगों के नाम दूसरे ड्राफ्ट में शामिल नहीं किये गए है, वो 7 अगस्त के बाद इसकी वजह जान सकते है और 30 अगस्त के बाद नागरिकता को लेकर अपनी आपत्तियां/दावे दर्ज करा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि NRC के अंतिम ड्राफ्ट के रिलीज के आधार पर अथॉरिटी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर सकती और जिन लोगों के नाम छूट गए है, उन्हें पूरा मौका मिलने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से NRC को लेकर एक SOP बनाने और इसे कोर्ट की मंजूरी के लिए अदालत में पेश करने के लिए कहा।
इस मामले को लेकर कोर्ट में अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
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Source : News Nation Bureau