तापमान की वजह से समुद्र के पानी का स्तर लगातार बढ़ने से समुद्र के किनारे बसे 12 शहरों के डूबने की आशंका जताई गई है. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट ने साबित कर दिया है कि हमारे पर्यावरण में भारी बदलाव देखने से पहले दुनिया के नेताओं को एकजुट होने और दुनिया भर में तेजी से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है. नासा ने हाल ही में इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) रिपोर्ट का उपयोग करते हुए दुनिया भर में समुद्र के स्तर में बदलाव का विश्लेषण किया और चौंकाने वाले निष्कर्ष पर पहुंचे. रिपोर्ट से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण तट पर बसे कुल 12 भारतीय शहरों का पानी में डूबने की संभावना है.
यह भी पढ़ें : सीओपी26 : जलवायु परिवर्तन पर भविष्य की कार्रवाई की लेकर तमाम देश योजना बनाने में जुटे
मुंबई पर खतरा :
पानी के भीतर डूबने के खतरे का सामना कर रहे प्रमुख भारतीय शहर मुंबई भारत के सबसे व्यस्त शहरों में से एक है, पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आईपीसीसी की रिपोर्ट बताती है कि अगर मौजूदा जलवायु रुझान जारी रहा तो मुंबई पानी के नीचे 1.9 फीट तक जा सकता है.
चेन्नई :
चेन्नई, जो दक्षिण भारत के पर्यटन केंद्रों और सबसे व्यस्त शहरों में से एक है, को भी इस सूची में शामिल किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, चेन्नई में जलवायु परिवर्तन के कारण लगभग 1.87 फीट पानी के नीचे डूबने की संभावना है, जिससे शहर में जनजीवन बड़े पैमाने पर बाधित हो रहा है.
मंगलौर :
मंगलोर कर्नाटक के शीर्ष शहरों में से एक है, जो प्राचीन समुद्र तटों और सुंदर दृश्यों के साथ भारत के तट पर स्थित है. आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह सब गायब होने की संभावना है, क्योंकि शहर के पानी के नीचे 1.87 फीट तक डूबने की आशंका है.
भाऊनगर :
भाऊनगर शहर, जो गुजरात में है, राज्य के तटीय क्षेत्र में स्थित है और अपने जीवंत इतिहास और विविध वन्यजीव अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है. ये अभयारण्य वर्तमान में काफी जोखिम में हैं क्योंकि शहर निकट भविष्य में 2.70 फीट तक डूबने वाला है.
मोरमुगाओ :
मोरमुगाओ, जो गोवा में है, अपने तटीय स्थान और खूबसूरत समुद्र तटों के कारण साल भर में काफी संख्या में लोग आते हैं, लेकिन तट पर बसे होने के कारण गायब होने की संभावना है. उम्मीद है कि भविष्य में शहर लगभग 2.06 फीट पानी में डूब जाएगा. इसके अलावा भारत के कुछ अन्य शहर भी जिन्हें समुद्र में डूब जाने की संभावाना है. ये शहर हैं, तूतीकोरिन (1.9 फीट), खिदिरपुर (0.49 फीट), पारादीप (1.93 फीट), ओखा 1.96 (फीट), विशाखापत्तनम (1.77 फीट), कांडला (1.87 फीट) और तूतीकोरिन (1.9 फीट).
HIGHLIGHTS
- जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत के कई शहरों पर खतरा
- नासा की नई रिपोर्ट जारी, समुद्र स्तर में बदलाव का किया विश्लेषण
- कुल 12 भारतीय शहरों का पानी में डूबने की अधिक संभावना है