Advertisment

Three Criminal Laws: एक जुलाई से लागू हो जाएंगे तीन नए आपराधिक कानून, अब बदल जाएंगे सारे नियम, पढ़ें पूरी खबर

तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू हो जाएंगे. इसके तहत कई नियम बदल जाएंगे. अब देशभर में कहीं भी एफआईआर दर्ज हो सकती है. जानें पुलिस अब कैसे लगा पाएगी हथकड़ी..

author-image
Publive Team
New Update
Three Criminal Laws

Three Criminal Laws ( Photo Credit : social media)

Three Criminal Laws: एक जुलाई से तीनों नए आपराधिक कानून लागू होंगे. इसके बाद आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता ले लेंगे. तीनों नए कानूनोंं को लागू करने का मकसद साफ है कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे नियमों-कायदों को हटाना और उनकी जगह नए कानूनों को लागू करना है. तीनों नए कानूनों के लागू होने के बाद क्रिमिनल लॉ सिस्टम में बदलाव आ जाएगा. अब देशभर में कहीं भी एफआईआर दर्ज हो सकती है. अब पुलिस कुछ मामलों में आरोपी को हथकड़ी लगाकर भी गिरफ्तार कर सकती है.

Advertisment

जीरो एफआईआर में अब धाराएं भी जोड़ी जाएंगी

नए कानून लागू होने के बाद से एफआईआर देश भर में कहीं भी दर्ज हो सकती है. इसमें धाराएं भी जुड़ सकती हैं. अब तक जीरो एफआईआर में धाराएं नहीं जुड़ती थी. जीरो एफआईआर 15 दिन के अंदर एफआईआर संबंधित थाने को भेजनी होगी. कानून के चलते पुलिस की जवाबदेही भी बढ़ गई है. राज्य सरकार को अब हर पुलिस थाने में ऐसे पुलिस अफसर नियुक्त करने होंगे, जिनके ऊपर हर व्यक्ति के गिरफ्तारी की जिम्मेदारी होगी. पुलिस को अब 90 दिन के भीतर पीड़ित को प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी. 90 दिन में पुलिस को चार्जशीट दाखिल करनी होगी. 180 दिन यानी छह महीने में जांच पूरी करके ट्रायल शुरू करना होगा. अदालत को भी 60 दिन के भीतर आरोप तय करने होंगे. 30 दिन के अंदर सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाना होगा. फैसला सुनाने और सजा का ऐलान 7 दिन में करना होगा.

गिरफ्तारी के यह हैं नियम?

गिरफ्तारी के नियमों में अधिक बदलाव नहीं हुआ है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 35 में एक नया सब सेक्शन 7 जोड़ा गया है. इसमें छोटे-मोटे आरोपियों और बुजुर्गों की गिरफ्तारी को लेकर नियम बनाए गए हैं. इसमें तीन साल और इससे कम सजा की प्रावधान है. मामले में गिरफ्तारी के लिए डीएसपी और इससे ऊपर के अधिकारियों की अनुमति आवश्यक है.

हथकड़ी लगाने को लेकर बदले नियम

1980 में सुप्रीम कोर्ट ने हथकड़ी के इस्तेमाल को असंवैधानिक करार दिया था. कोर्ट ने उस वक्त कहा था कि अगर किसी व्यक्ति को हथकड़ी लगाई जाती है तो उसका कारण बताना होगा और इसके लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक है. हालांकि, अब नए कानून के तहत धारा 43 (3) के तहत गिरफ्तारी या अदालत में पेश करते समय कैदी को हथकड़ी लगाई जा सकती है. 

ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज

भगोड़े आरोपियों पर भी चलेगा मुकदमा

नए कानून के तहत फरार अपराधियों पर भी मुकदमा चल सकता है, इससे पहले सिर्फ आरोपी के अदालत में मौजूद होने पर ट्रायल शुरू हो पाता था. आरोप तय होने के 90 दिन बाद भी अगर आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो ट्रायल शुरू हो जाएगा क्योंकि कोर्ट मान लेगी की आरोपी ने निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार छोड़ दिए हैं.

दया याचिका के नियम बदले

दया के लिए आरोपी सभी कानूनी रास्ते खत्म होने के बाद कभी भी याचिका दायर की जा सकती है. पर अब 30 दिन के भीतर दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष दायर करनी होगी. राष्ट्रपति का फैसला, 48 घंटे के भीतर केंद्र सरकार को राज्य, गृह विभाग और जेल सुपरिटेंडेंट को देनी होगी.

Source : News Nation Bureau

Bharatiya Nyaya Sanhita Crime Laws New criminal laws Three Criminal Laws Criminal Laws
Advertisment
Advertisment