ह्यूमन स्पेस एक्सपो ने समझाया गगनयान मिशन और अनंत अंतरिक्ष को

एक्सपो के गगनयान मिशन के 'इंटरेक्टिव मॉडल' में लांच व्हीकल, सेटेलाइट्स, सर्विस मॉड्यूल, स्पेस सूट, स्पेस टॉयलेट, थर्मल कंट्रोल सिस्टम और मार्स रोवर की हूबहू प्रतिकृतियों ने लोगों का खास ध्यान खींचा.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Expo

हजारों लोगों ने बहुत आकर्षण के साथ देखी एक्सपो.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 'ह्यूमन स्पेस फ्लाइट एक्सपो' रविवार को खत्म हो गई. बेंगलुरु के जवाहरलाल नेहरू प्लेनेटेरियम में आयोजित एक्सपो को भारत के अंतरिक्ष अभियानों (Space Mission) से जुड़ी उपलब्धियों और आजादी की 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में किया गया था. एक्सपो का खास आकर्षण रहा बहुप्रतिक्षित 'गगनयान मिशन' (Gaganyaan Mission) का 'इंटरेक्टिव मॉडल', जिसमें दिखाया गया भारतीय अंतऱिक्षयात्री किस तरह अपनी यात्रा पूरी करेंगे. 'गगनयान मिशन' की उड़ान से लेकर उसके चंद्रमा की सतह के छूने तक सुरक्षा पहलुओं का जान सभी अचंभित थे. इसके जरिये लोगों को अंतरिक्षयात्रियों को ले जाने वाले 'क्रू मॉड्यूल' को भी समझने का मौका मिला. इस बारे में इसरो के एक सदस्य ने बताया कि 'गगनयान' से अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्षयात्रियों का विश्वास हासिल करने के लिए कई तरह के परीक्षण किए गए हैं और आगे भी किए जाते रहेंगे. इस एक्सपो में सभी आयुवर्ग के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की. 

द इंडियन स्पेस ओडिसी
इसके अलावा एक्सपो का एक और आकर्षण था डोम थिएटर का मूवी शो, जिसमें 'द इंडियन स्पेस ओडिसी- साउडिंग रॉकेट्स टू गगनयान' दिखाई गई. इसरो के छह दशकों के इतिहास को समेटे इस फिल्म के जरिये लोगों ने लांच व्हीकल को बनाए जाने के विभिन्न तकनीकी पहलुओं, अंतरिक्षयात्रियों के प्रशिक्षण और मिशन के चरणबद्ध  तरीकों को जाना. एक्सपो के गगनयान मिशन के 'इंटरेक्टिव मॉडल' में लांच व्हीकल, सेटेलाइट्स, सर्विस मॉड्यूल, स्पेस सूट, स्पेस टॉयलेट, थर्मल कंट्रोल सिस्टम और मार्स रोवर की हूबहू प्रतिकृतियों ने लोगों का खास ध्यान खींचा. इस कड़ी में इसरो के एक सदस्य ने पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (PSLV) की खूबियों से लोगों को अवगत कराया. इसरो के मुताबिक पीएसएलवी सर्वाधिक विश्वसनीय लांच व्हीकल है, जो एक साथ 104 सेटेलाइट्स को अंतरिक्ष  में ले गया था. यह भी बताया गया कि स्मॉल सेटेलाइट लांड व्हीकल (SSLV) बनाने में कितना आसान है. इसके निर्माण पूरी तरह से कॉमर्शियल उद्देश्य के लिए किया जा रहा है. 

यह भी पढ़ेंः  राष्ट्रपति बनने के बाद बोलीं द्रौपदी मुर्मू, भारत में हर गरीब के सपने पूरे होते हैं

आदित्य मिशन भी बना आकर्षण
एक्स्पो के 'टेक्नो-इंटरेक्टिव नॉलेज शेयरिंग' इवेंट में भी लोगों ने खासी दिलचस्पी दिखाई. इसमें लाइव लेक्चर्स और अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया. इस कार्यकम में लोगों को विशेषज्ञों से एस्ट्रोनॉट कैसे बने, हैम रेडियो और मानव के अंतरिक्ष में जाने के छह दशकों  से जुड़े अलग-अलग पहलुओं से सवाल-जवाब भी हुए. इसरो के अगले 'आदित्य मिशन' को लेकर इसरो के प्रोफेसर पी श्रीकुमार ने एक लेक्चर भी दिया, जिसका शीर्षक था-इंटरप्लेटेनटरी स्पेस एक्सप्लोरेशन एंड चैलेंजज. इसमें उन्होंने बतायाय कि आदित्य-1 का मकसद सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना है, जो उसकी बाहरी सतह है. वास्तव में सूर्य के फोटोस्फेयर से हजारों किलोमीटर ऊपर स्थित सतह को कोरोना कहा जाता है. 

HIGHLIGHTS

  • बेंगलुरु में तीन दिवसीय एक्सपो रविवार को हो गई खत्म
  • एक्सपो का खास आकषर्ण रहा गगनयान मिशन से परिचय
  • हजारों लोगों ने एक्सपो में लिया हिस्सा
Bengaluru बेंगलुरु Gaganyaan गगनयान मिशन SSLV एसएसएलवी Human Space Expo Aditya Mission PSLV Space Mission हयूमन स्पेस एक्सपो आदित्य मिशन पीएसएलवी अंतरिक्ष अभियान
Advertisment
Advertisment
Advertisment