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New Criminal Laws: आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून, जानें न्याय व्यवस्था में क्या होगा बदलाव?

New Criminal Laws: भारत की कानून व्यवस्था में आज से बड़ा बदलाव आ गया और देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए. ये तीनों कानून आईपीसी की जगह लागू किए गए हैं. जिससे देश में एफआईआर दर्ज कराने से लेकर न्याय पाने तक कई बदलाव आएंगे.

Updated on: 01 Jul 2024, 06:54 AM

New Delhi:

New Criminal Laws: आज रात यानी 1 जुलाई 2024 से देश की कानून व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आ गया. दरअसल, सोमवार एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम समेत तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए. नई भारतीय न्याय संहिता कानून ने आईपीसी यानी इंडियन पीनल कोड) की जगह ले ली. बता दें कि ये तोनों बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किए गए थे. जिन्हें 1 जुलाई से लागू कर दिया गया.

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नए कानून में बदली गईं ये धाराएं

दरअसल, 1 जुलाई 2024 से लागू किए गए नए कानून में धारा 375 और 376 को बदलकर बलात्कार की धारा 63 कर दी गई है. वहीं सामूहिक बलात्कार की धारा को धारा 70 कर दिया गया है. जबकि हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 कर दी गई है. वहीं भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है, जिसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग भी शामिल है. अब मॉब लिंचिंग के लिए भी कानून बना दिया गया है. जबकि 41 अपराधों में सजा को बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा 82 अपराधों में जुर्माना भी बढ़ाया गया है.

जानें नए कानून में क्या हुआ बदलाव?

1. आज से लागू किए गइ नए कानून में आपराधिक मामलों में सुनवाई समाप्त होने के 45 दिनों के अंदर फैसला सुना दिया जाएगा. इसमें पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही सभी राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित करना होगा. जिसके लिए गवाह सुरक्षा योजनाएं लागू करनी होंगी.

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2. इसके साथ ही बलात्कार पीड़ित महिलाओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी की ओर से पीड़िता के अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज किए जाएंगे. इसके साथ ही सात दिनों के अंदर मेडिकल रिपोर्ट भी पूरी करनी होगी.

3. इसके अलावा नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है. इस कानून के तहत बच्चों को खरीदना या बेचना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

3. वहीं अगर किसी नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी. इसके साथ ही नए कानून में अब उन मामलों के लिए सजा का प्रावधान शामिल किया गया है जिसके तहत महिलाओं को शादी का झूठा वादा करके या गुमराह करके छोड़ दिया जाता है.

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4. वहीं नए कानून में महिलाओं के खिलाफ अपराध की पीड़िताओं को 90 दिनों के भीतर अपने मामलों पर नियमित अपडेट प्राप्त करने का भी अधिकार होगा. इसके साथ ही सभी अस्पतालों को महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में मुफ्त इलाज करने को भी शामिल किया गया है. इसके साथ ही आरोपी और पीड़ित दोनों 14 दिनों के भीतर एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट, बयान, इकबालिया बयान और अन्य दस्तावेजों की कॉपी प्राप्त कर सकेंगे.

5. नए कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकेगी. जिससे पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यही नहीं पीड़ित व्यक्ति अपने अधिकार क्षेत्र के अलावा दूसरे थाने में भी एफआईआर दर्ज करा सकेंगे. साथ ही गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का घटनास्थल पर जाना और साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही लिंग की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर लोगों को भी शामिल कर दिया गया है. जिससे समानता को बढ़ावा मिलेगा.