दिल्ली में लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) से पहले सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. ये सुरक्षा 26 जनवरी को हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए बढ़ाई गई है. जहां एक ओर दिल्ली की सड़कों पर किसानों का आंदोलन जारी है, वहीं दूसरी ओर इस बार भारतीय ओलम्पिक दल के खिलाड़ियों को भी लाल किले पर आमंत्रित किया गया है. बीती 26 जनवरी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जिस कदर हिंसा और तबाही को अंजाम दिया था, उसको ध्यान में रखते हुए इस बार 15 अगस्त के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया है.
लाल किले के गेट पर बड़े-बड़े कंटेनर्स तैनात
लाल किले (Red Fort) के मेन गेट पर ये कंटेनर्स लगाए गए हैं, ताकि अगर कोई प्रदर्शनकारी पुलिस के चक्रव्यूह को भेदकर आता है तो कंटेनर्स को पार न कर पाए. खुफिया एजेंसियों को लगातार ये इनपुट मिल रहा है कि 15 अगस्त के दिन प्रदर्शनकारियों द्वारा हंगामा किया जा सकता है और लाल किले पर प्रदर्शन करने की कोशिश की जा सकती है.
खिलाड़ियों की सुरक्षा और उपद्रवियों से बचाव ही उद्देश्य
दरअसल, इतनी कड़ी सुरक्षा का मुख्य कारण इस बार किसान आंदोलन को बताया जा रहा है. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. अभी संसद के सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर भी इनके द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. साथ ही इस बार 15 अगस्त को भारतीय ओलम्पिक दल के खिलाड़ियों को भी लाल किले पर आमंत्रित किया गया है. तो इस वजह से सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है और खिलाड़ियों की सुरक्षा व उपद्रवियों से बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है और सुरक्षाकर्मियों को और भी ज्यादा सतर्कता के साथ तैनात रहने के आदेश दिए गए.
वहीं, इसी साल की शुरुआत में 26 जनवरी के मौके पर जब दिल्ली में कार्यक्रम हो रहा था. तब किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला था, इसी दौरान लाल किले पर हिंसा की गई थी. लालकिले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों ने अपना झंडा लहराया था और लालिकिले में तोड़फोड़ की गई थी.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली लाल किले पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी
- 26 जनवरी की हिंसा को ध्यान में रखते हुए बढ़ाई गई सुरक्षा
- खिलाड़ियों की सुरक्षा और उपद्रवियों से बचाव ही उद्देश्य