मुंबई हमलों का मास्टर माइंड हाफिज सईद को रिहा किये जाने पर अमेरिकी दक्षिण एशियाई विश्लेषकों ने नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि पाकिस्तान को गैर-नेटो सहयोगी का दर्जा रद्द कर देना चाहिये।
शीर्ष अमेरिकी विश्लेषक ने कहा है, '26/11 के नौ साल बाद भी इसका मास्टरमाइंड कानून से बच रहा है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को गैर नेटो सहयोगी की हैसियत को रद्द कर देना चाहिये।'
अमेरिका विदेश विभाग की पूर्व अधिकारी एलिसा आयर्स ने कहा, 'एक शब्द में कहें तो उसकी रिहाई अत्याचार है।'
हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने एक ऐसा आतंकी माना है जो यूएन द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन का प्रमुख है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अतंरराष्ट्रीय नियमों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझ रहा है।
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आयर्स ने कहा, 'पाकिस्तान पक्के तौर पर ये दावा नहीं कर सकता है कि वो आतंकवाद के खिलाफ लड़ा रहा है क्योंकि वो संयुक्त राष्ट्र के प्रति अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों को भी पूरा नहीं कर रहा है।'
अमेरिकी अधिकारी पाकिस्तान को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर वो हक्कनी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करता है तो इसे सकारात्मक कदम माना जाएगा और प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है।
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से पाकिस्तान को दिये जा रहे संदेशों पर कहा, 'इस प्रक्रिया में उन्होंने (अमेरिका) पाकिस्तान में ये सोच पैदा कर दी है कि वो हक्कानी के खिलाफ कार्रवाई करनी है। लेकिन भारत के खिलाफ काम कर रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ नहीं।'
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Source : News Nation Bureau