18 वीं सदी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान की जयंती के मौके पर कर्नाटक सरकार द्वारा आयोजित ‘टीपू जयंती’ समारोहों को ध्यान रखते हुये पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये सभी संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
पुलिस के अनुसार राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को छोड़कर टीपू जयंती से संबंधित किसी भी और तरह के जुलूस को निकालने की इजाजत नहीं होगी।
बेंगलुरू पुलिस आयुक्त टी सुनील कुमार ने कहा, ‘हम किसी भी जुलूस के लिए कोई अनुमति नहीं दे रहे है चाहे वह पक्ष में हो या फिर खिलाफ में। सरकार शहर के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित कर रही है जिसके लिए हमने पर्याप्त प्रबंध किये हैं।’
शुक्रवार सुबह से ही संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है, लेकिन प्रदर्शनकारी भी सुबह से ऐक्टिव हो गए हैं। मदिकेरी में टीपू जयंती का विरोध कर रहे लोगों ने कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपॉर्ट की बस पर पत्थर फेंके।
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सुनील कुमार ने कहा कि कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) की 30 टुकड़ियों और 25 सशस्त्र दलों के अलावा पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को तैनात किया जायेगा।
सुनील कुमार ने कहा, ‘पूरे शहर में 11 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इसके अलावा हम होमगार्ड के जवानों को भी तैनात करेंगे।’
उन्होंने कहा कि जो भी अशांति पैदा करने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ पुलिस सख्ती से निपटा जायेगा।
कुमार ने कहा, ‘हमने अब तक एहतियातन किसी को गिरफ्तार नहीं किया है लेकिन यदि कोई अप्रिय स्थिति पैदा होती है तो धारा 144 लगायी जा सकती है।'
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने दो वर्ष पहले टीपू जयंती मनाना शुरू किया था।
इससे पहले बीजेपी, दक्षिणपंथी समूहों और कोडावा समुदाय के सदस्यों ने समारोह का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि टीपू एक धार्मिक ‘कट्टरवादी’ थे जिन्होंने कई लोगों की हत्या की और लोगों को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया।
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Source : News Nation Bureau