दिल्ली के दरियागंज इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले 15 आरोपियों को कोर्ट ने 2 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं इसके पहले दिल्ली के सीलमपुर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले 11 आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सीलमपुर इलाके में हिंसा में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के वकील ने अदालत को बताया था कि ये डेली वेज पर काम करने वाले मजदूर है, जो कारपेंटर का काम करते हैं. वो एक दूसरे को जानते तक नहीं है, फिर कॉमन इंटेंशन कैसे हो सकता है.
वो वहाँ नमाज़ पढ़ने के लिए आये थे और पुलिस ने जिसे चाहा, उसे पकड़ लिया पुलिस का मकसद बस उन्हें किसी तरह कस्टडी में रखना है. वहीं सरकार वकील ने कहा कि सीलमपुर हिंसा मामले में अभी जांच जारी है. प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया गाड़ियां फूंकी गई एक सुनियोजित साजिश के तहत ये सब हुआ इसलिए कोर्ट से आग्रह किया कि सभी आरोपियों को जेल भेजा जाए.
आपको बता दें कि इसके पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में दरियागंज थाने में हिंसक प्रदर्शन कर आगजनी और तोड़फोड़ करने पर शुक्रवार रात कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने इसके अलावा दिल्ली के जामा मस्जिद पर प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर 'रावण' को भी हिरासत में लिया है.
Source : अरविंद सिंह