अमेरिका में कटरीना हो या हिन्द महासागर में तितली तूफान की बात हो, एक झटके में कई लोग इन तूफानों में जान से हाथ धो बैठते हैं। आइए, जानते हैं कैसे पड़ते हैं इन तूफानों के नाम।
तूफानों के नाम रखने की मुख्य वजह है कि वैज्ञानिक इसे लेकर स्पष्ट रह सकें। साथ ही साथ आम लोगों को इस बारे में अलर्ट कर सकें।
1953 की एक संधि से अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों के नामकरण की शुरुआत हुई थी। भारत की पहल पर हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने इन तूफानों के नामकरण की व्यवस्था 2004 में शुरू की। इन आठ देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं।
चर्चित तूफानों के नाम
32 तूफानों की सूची में भारत द्वारा दिए गए चार नाम- लहर, मेघ, सागर और वायु हैं। काफी चर्चा में रहे तूफान हेलेन का नाम बांग्लादेश ने, नानुक का म्यांमार ने, हुदहुद का ओमान ने, निलोफर और वरदा का पाकिस्तान ने, मेकुनु का मालदीव ने और हाल में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान 'तितली' का नाम पाकिस्तान द्वारा दिया गया है। आगामी तूफानों में गाजा, फेथाई, फानी, वायु, हिक्का, क्यार, माहा, बुलबुल, पवन और अम्फान हैं। ये सभी तूफान उत्तरी हिंद महासागर से संबंधित हैं।
Source : News Nation Bureau