TMC exploring legal options on withdrawing national party status : चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त कर दी है. इस मामले में अब तृणमूल कांग्रेस कानूनी विकल्पों की तलाश कर रही है. सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकती है. तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस ने कई राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया है.
कानूनी पहलुओं को देख रही है टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि उनके जीते हुए प्रत्याशियों को छल-बल से दूसरी पार्टियों खासकर बीजेपी में शामिल कर लिया गया. लेकिन अब चुनाव आयोग भी उसके खिलाफ काम कर रहा है. ऐसे में वो चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकती है. अभी पार्टी अपने कानूनी जानकारों से सलाह-मशविरा कर रही है. बता दें कि त्रिपुरा समेत कई राज्यों में टीएमसी का प्रदर्शन अतीत में भी अच्छा रहा है.
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बीजेपी नेताओं ने बोला टीएमसी पर हमला
मालदा में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी ने अपने राष्ट्रीय दर्जे को बरकरार रखने के लिए पूरे देश में बहुत पैसा खर्च किया लेकिन वे उसे बरकरार नहीं रख पाए...यह तो होना ही था सिर्फ पैसा खर्च कर कोई राष्ट्रीय पार्टी नहीं बन सकती. प. बंगाल के BJP अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने बालूरघाट में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि TMC, CPI और NCP इन तीन दलों में CPI राष्ट्रीय पार्टी थी, TMC और NCP क्षेत्रिय पार्टियां थी. बीच में इन्होंने राष्ट्रीय पार्टी बनने की कोशिश की, खासकर TMC अपने कोयला तस्करी के पैसे से गोवा, असम और मेघालय में गई लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी और अब उनका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी चला गया. यह तो होना ही था.
HIGHLIGHTS
- चुनाव आयोग के फैसले से नाखुश है तृणमूल कांग्रेस
- चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने की तैयारी में टीएमसी
- कानूनी विकल्पों की तलाश कर रही है पार्टी