कोरोना संक्रमण के खिलाफ शनिवार को शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान ने पश्चिम बंगाल में सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के स्पष्ट निर्देश के बावजूद तृणमूल कांग्रेस के विधायकों और नेताओं द्वारा कोरोना टीका लगवा लेने से अच्छा-खासा विवाद खड़ा हो गया है. इसे तूल देने का काम किया स्वास्थ्यकर्मियों के इस आरोप ने कि उन्हें बुलाने के बावजूद टीका नहीं लगाया गया. पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसे लूट करार दिया है, तो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के टीके कम भेजे जाने के आरोप पर पलटवार किया है.
टीएमसी के इन विधायकों-नेताओं ने लगवाया कोरोना टीका
प्राप्त जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के दो विधायकों सहित कई नेताओं को शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में कोविड-19 का टीका दिया गया. इसके उलट कई स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें टीका नहीं लगाया गया, जबकि उन्हें इसके लिए बुलाया गया था. जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि ये नेता विभिन्न अस्पतालों से रोगी स्वास्थ्य समितियों के सदस्यों के तौर पर जुड़े हुए हैं, जिससे वे पहले दौर में टीकाकरण कार्यक्रम के लिए योग्य थे. भातर राज्य सामान्य अस्पताल में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक सुभाष मंडल को पहला टीका दिया गया. इसके बाद पार्टी के पूर्व विधायक बनमाली हजरा, जिला परिषद् से जुड़े जाहर बागडी और भातर पंचायत समिति के जनस्वास्थ्य प्रभारी महेंद्र हजार ने भी टीका लगवाया. कटवा अनुमंडल अस्पताल में सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय विधायक रबिंद्रनाथ चटर्जी उन 34 लोगों में शामिल रहे, जिन्हें पहले दिन टीका लगाया गया.
कोरोना वैक्सीन की हुई लूट !!!
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 16, 2021
देश के प्रधानमंत्री मोदीजी ने कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर के लिए फ्री कोरोना वैक्सीन भेजी। मगर प.बंगाल में #TMC विधायक और गुंडों ने जबरदस्ती वैक्सीन लगवा ली।
ममताजी का बयान कि मोदीजी ने वैक्सीन कम भेजी।
शर्म करो ममताजी!
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हेल्थ वर्कर्स को बुलाआ और नहीं लगाई वैक्सीन
टीएमसी विधायकों-नेताओं के टीका लगाए जाने का विरोध करते हुए जिले में कई स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें टीका लगवाने के लिए बुलाया गया, लेकिन टीका नहीं लगाया गया. बर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक नर्स ने कहा कि उसे सुबह नौ बजे टीका लगवाने के लिए बुलाया गया और समय पर पहुंचने के बावजूद उसे टीका नहीं लगाया गया. अस्पताल की कुछ अन्य नर्सों ने भी नाम नहीं बताने की शर्त पर इसी तरह का आरोप लगाया. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रणब राय ने कहा कि टीका लगवाने वाले जनप्रतिनिधि विभिन्न अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों में शामिल हैं.
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कैलाश विजयवर्गीय ने वैक्सीन की लूट बताया
इस घटनाक्रम पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसे लूट करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि कोरोना टीके की लूट हो गई. प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं के लिए नि:शुल्क टीका भेजा, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी के विधायकों, गुंडों ने जबरन टीके लगवा लिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कम संख्या में टीके भेजे. उन्होंने ट्वीट किया कि यह शर्मनाक है. सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद सौगत राय ने कहा कि बेहतर होता कि पार्टी नेताओं ने टीके नहीं लगवाए होते. बीजेपी ने इस बात के लिए भी ममता को घेरा कि उनकी सरकार पहले चरण में निःशुल्क चीके लगवा रही है.
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दिलीप घोष ने भी किया पलटवार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा है कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को फ्री टीके लगाए जाएंगे. ऐसे में ममता बनर्जी झूठ बोलकर टीके लगाने का श्रेय ले रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ये वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भेजी गई थी, लेकिन यहां टीएमसी के नेता और विधायक ही सबसे पहले वैक्सीन ले रहे हैं. ऐसे में तो टीका कम पड़ेगा ही. यही नही, इस दौरान उन्होंने राज्य भर के टीएमसी नेताओं द्वारा अपने ही पार्टी के खिलाफ की जा रही बगावत को लेकर कहा कि अभी तक सब कुछ छुपाया जा रहा था, लेकिन धीरे-धीरे अब सब कुछ उजागर होने लगा है और सच्चाई सामने आने लगी है.