तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल तथा महाराष्ट्र की झांकियों के प्रस्तावों को स्वीकृति न मिलने पर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इसे दोनों राज्यों की जनता का अपमान बताया. हालांकि, केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि झांकी को शामिल करने या नहीं करने का फैसला पूरी तरह गुणवत्ता आधारित होता है.
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के कारण राज्य के लोगों का अपमान किया गया. प्रदेश भाजपा ने इस पर तुरंत पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार ने नियमों एवं प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन नहीं किया और इसी कारण यह प्रस्ताव खारिज हुआ.
पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस रॉय ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘चूंकि पश्चिम बंगाल भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध कर रहा है, इसी कारण राज्य के साथ सौतेला बर्ताव किया जा रहा है. चूंकि हम लोग सीएए जैसे जनविरोधी कानूनों का विरोध कर रहे हैं, इसलिए केंद्र ने हमारी झांकी के प्रस्ताव को खारिज किया है.’’ रॉय ने कहा, ‘‘ऐसी घटिया राजनीति जनविरोधी नीतियों का विरोध करने से हमें डिगा नहीं पाएगी. भाजपा ने पश्चिम बंगाल की जनता का अपमान किया है और निकट भविष्य में उसे इसका माकूल जवाब मिलेगा.’’
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनकी झांकियों को अनुमति नहीं देना लोगों के ‘‘अपमान’’ जैसा है. सुले ने ट्वीट किया, “केंद्र ने गणतंत्र दिवस पर परेड के लिए महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है. यह देश का पर्व है और केंद्र से सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद है, लेकिन सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है.’’
बारामती से सांसद सुले ने एक समाचार भी साझा किया जिसमें दावा किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड (26 जनवरी) के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार कर दिया है. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने एक निजी चैनल से कहा, ‘‘आपको बताना होगा कि दो राज्यों की झांकियों को मंजूरी क्यों नहीं दी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को मामले की जांच करानी चाहिए. पता लगाना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है. क्या ऐसे तत्व हैं जिनकी पिछली सरकार के प्रति निष्ठा बनी हुई है?’’
आरपीआई नेता और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि वह इस बारे में प्रयास करेंगे कि राज्य की झांकी परेड में शामिल हो जाए. उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है.’’ उधर, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव पर एक विशेषज्ञ समिति ने दो बार विचार किया. मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति ने दूसरी बैठक में विचार-विमर्श के बाद आगे नहीं बढ़ाया. यहां यह उल्लेख करना होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी इसी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप 2019 की गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए चयनित हुई थी.’’
मंत्रालय ने 15 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की झांकी के प्रस्ताव को मंजूर किया है जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना तथा उत्तर प्रदेश हैं. इनमें से आठ राज्य भाजपा या राजग शासित हैं। चार में संप्रग का शासन है और तीन में गैर-संप्रग तथा गैर-राजग दलों की सरकार है। सूची में भाजपा शासित उत्तराखंड का नाम नहीं है. हालांकि, यह पता नहीं है कि राज्य ने गणतंत्र दिवस परेड में झांकी शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था या नहीं.
Source : Bhasha