SSC भर्ती घोटाला : TMC नेता मदन मित्रा ने कहा है कि मुझे CBI और ED ने कम से कम 100 बार फोन किया है. पार्थ चटर्जी (पूर्व शिक्षा मंत्री) पश्चिम बंगाल (West bengal) के एक बहुत ही जिम्मेदार और जाने-माने राजनेता हैं. उनके आवास पर ईडी (ED) के पहुंचने की जरूरत नहीं थी, वह फरार नहीं थे. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों की एक टीम ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के तहत शुक्रवार को बंगाल के मंत्रियों पार्थ चटर्जी और परेश अधिकारी के आवासों पर छापा मारा. सूत्र ने कहा कि ईडी के कम से कम सात से आठ कर्मी चटर्जी के नकटला स्थित आवास पर सुबह करीब साढ़े आठ बजे पहुंचे और सुबह 11 बजे तक तलाशी ली. इस दौरान सीआरपीएफ (CRPF) के जवान बाहर पहरा दे रहे थे.
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सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों की एक अन्य टीम ने कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में अधिकारी के घर का दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की. ईडी (ED) के सूत्र के अनुसार, अधिकारियों ने शहर के जादवपुर इलाके में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के आवास पर भी एक साथ छापेमारी की थी. सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-सी और डी कर्मचारियों के साथ-साथ शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है.
ED ने 29 जून को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. संघीय जांच एजेंसी द्वारा दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. आशंका जताई जा रही है कि SSC के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया। मामले में कई प्रभावशाली लोगों को नामजद किया गया है. पार्थ चटर्जी अभी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री हैं, वे उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब कथित घोटाला हुआ था। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है. पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी. पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्यमंत्री अधिकारी से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा उनकी बेटी स्कूल शिक्षक की अपनी नौकरी गंवा चुकी हैं. अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि वह फोन पर अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं.