सुप्रीम कोर्ट ने पैरालंपिक्स कमेटी ऑफ इंडिया (PCI) को निर्देश दिया है कि वो निशानेबाज नरेश कुमार का नाम 'अतिरिक्त' कैंडिडेट के रूप में तुंरत टोक्यो पैरालंपिक्स (Tokyo Paralympics) आयोजन समिति को भेजे. इसके अमल को लेकर मंगलवार को कोर्ट में रिपोर्ट दे. इस पर कल कोर्ट आगे सुनवाई करेगा. पांच बार पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले नरेश कुमार शर्मा ने टोक्यो पैरालंपिक्स में चयन न होने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने उन्होंने पीसीआई पर चयन के लिए भेदभावपूर्ण गलत मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील की ओर से सूचित करने के बावजूद पीसीआई की ओर से कोई पेश नहीं हुआ तो वहीं सरकार की ओर से ASG ने बताया कि चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. पैरालम्पिक खेल 24 अगस्त से शुरू हो रहे हैं, लेकिन खेलों के लिए नाम चयन की सोमवार को अंतिम तारीख है.
आपको बता दें कि टोक्यो पैरालंपिक में हिस्सा लेने की दावेदारी के लिए चयन को लेकर शूटर नरेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को उनकी अर्जी पर सुनवाई तय की है, जबकि शूटिंग के लिए टोक्यो जाने वाली टीम का फाइनल चयन 2 अगस्त को ही होना है, इसलिए वह अपनी याचिका की सुनवाई के लिए गुहार लगाए हैं.
चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ओलंपिक समाप्ति की ओर है तो अब आप कैसे जाएंगे. इस पर नरेश शर्मा के वकील विकास सिंह ने कहा कि इंडिया की ओर से खिलाड़ियों का नाम तय करने की शनिवार को अंतिम तिथि है. नरेश शर्मा अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं. दिल्ली HC ने भी पाया था कि गलत तरीके से उन्हें पैरालंपिक टीम में शामिल नहीं किया गया. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक एसोसिएशन कल एंट्री स्वीकार करेगा.
इस पर सीजेआई ने कहा कि आपके पक्ष में पहले से ही HC है. इसेक बाद नरेश के वकील ने कहा कि HC ने यह माना है कि नरेश का नाम शामिल नहीं किया गया है, लेकिन यह नहीं कहा है कि पैरालंपिक में नरेश जाने के हकदार हैं. हम चाहते हैं कि उनका नाम इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन लिस्ट में शामिल करे. किसी को उनका नाम लिस्ट में शामिल करने से कोई नुकसान नहीं होगा.
Source : News Nation Bureau