किसान आंदोलन में इस वक्त देश में सबसे बड़ा सियाली अखाड़ा बना हुआ है. जहां किसान करीब 84 दिन से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए. वह केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी के तहत किसानों ने 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली. किसानों के इस परेड के दौरान दिल्ली में जमकर उप्रदवियों ने उत्पात मचाया. बवाल काट रहे लोगों ने लाल किले पर भी जमकर हिंसा की. वहीं, इस किसान आंदोलन को लेकर जब विदेशियों ने समर्थन में ट्वीट किया तो कई तरह के सवाल खड़े होने शुरू हो गए. पुलिस ने दिल्ली हिंसा की जांच शुरू की. दिल्ली पुलिस ने अबतक दिशा रवि को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने और साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को टूलकिट मामले को लेकर प्रेस कॉन्फेंस की, जिसमें 26 जनवरी की हिंसा पर परत-दर-परत खुलासा किया. चलिए आपको बताते हैं दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेस की अहम दस बड़ी बातें.
- पुलिस का कहना है कि टूल किट मामले में गूगल से रिप्लाई मिलने के बाद उसे साक्ष्य बनाते हुए आगे की कार्रवाई की गई.
- क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को ट्वीट करने के बाद डिलीट किया था, उसे दिशा रवि ने कई बार एडिट किया था.
- कोर्ट में जब पुलिस रिमांड पर सुनवाई हुई तो दिशा रो पड़ी और उसने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट की थी.
- पुलिस ने दिशा का मोबाइल जब्त किया है लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी.
- दिल्ली पुलिस के अनुसार 11 जनवरी को जूम मीटिंग की गई थी. इस मीटिंग में निकिता, शांतनु और दिशा रवि शामिल थे.
- इस मीटिंग में एमओ धालीवाल भी शामिल हुए थे. इस मीटिंग में ये तय किया गया कि 26 जनवरी से पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा किया जाएगा.
- साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेम नाथ ने कहा कि पुलिस का दावा है कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनाई गई.
- पुलिस का दावा है कि दिशा और निकिता के लैपटॉप से आपत्तिजनक सूचनाएं बरामद की गई है.
- अभी तक इस मामले में जो तीन नाम सामने आए हैं, उनमें दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु शामिल हैं.
- किसान आंदोलन के मुद्दे को हथियार बनाकर देश को बदनाम करने और माहौल खराब करने के लिए बनाई गई टूलकिट.
Source : News Nation Bureau