भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को समर्थन करने वाले स्वीडिश जलवायु परिवर्तन एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. जलवायु के क्षेत्र में काम करने वाली मशहूर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए 'टूलकिट' दस्तावेज मामले में 2 और कार्यकर्ताओं की भूमिका सवालों के घेरे में है. इसे लेकर पेशे से मुंबई की एक वकील निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं. इस मामले में पहले ही बेंगलुरु के एक कॉलेज की स्टूडेंट दिशा रवि को साजिश और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है और इसे लेकर लोगों में खासी नाराजगी भी है. दिशा को रविवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था और उसके बाद उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
निकिता की सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक वह महाराष्ट्र और गोवा स्टेट बार काउंसिल से जुड़ी हैं और बॉम्बे हाई कोर्ट में रजिस्टर्ड हैं. वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को एक टीम तलाशी लेने के लिए निकिता जैकब के घर गई थी लेकिन शाम होने के कारण उससे पूछताछ नहीं हो सकती थी. स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के 3 कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 'टूलकिट' ट्वीट किया था. इस पर दिल्ली पुलिस ने 'टूलकिट' बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को आईपीसी की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दिशा रवि को यह दस्तावेज बनाने और उसका प्रसार करने की महत्वपूर्ण साजिशकर्ता बताया. बाद में निकिता की भी इस काम में भूमिका सामने आई.
रवि की गिरफ्तारी पर कई नेताओं ने जताई चिंता
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है, ये सभी लोग खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर देश के खिलाफ असुंष्टि फैलाने का काम कर रहे थे. वह उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने ग्रेटा थुनबर्ग के साथ यह टूलकिट शेयर किया था. वहीं कई कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली पुलिस का यह कदम लोकतंत्र पर हमला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार करना लोकतंत्र पर एक हमला है. हमारे किसानों का समर्थन करना कोई अपराध नहीं है.
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कई धाराओं में प्राथिमिकी दर्ज
जानकारी के मुताबिक, उत्तरी बेंगलुरु के फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की संस्थापकों में से एक दिशा रवि से सोशल मीडिया साइटों के माध्यम से दिल्ली में किसान विरोध से संबंधित 'टूलकिट के प्रचार-प्रसार के लिए पूछताछ की गई थी. दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने 4 फरवरी को सेक्शन 124A, 120A और 153 A के तहत भारतीय दंड संहिता के तहत देशद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र रचने और घृणा फैलाने के आरोपों में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी. आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़कर के उसे आगे भेजा था.
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आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज
दरअसल में, दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' की जांच के लिए अपने साइबर सेल के साथ प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 'आपराधिक साजिश' और 'समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' के प्रयास के लिए दर्ज की गई थी. 26 जनवरी को हुई हिंसा सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई थी.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली पुलिस ने जारी किया गैरजमानती वारंट
- निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट
- टूलकिट मामले में नाम आने पर गैरजमानती वारंट
Source : News Nation Bureau