टूल किट मामले (Toolkit Case) में दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ्तारी के बाद देश भर में सियासी घमासान मच गया है. एक तरफ राजनीतिक पार्टियां इस पर सियासत कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कई संगठन इस गिरफ्तारी का विरोध कर रही है. टूल किट मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बुधवार को दिशा रवि से कई अहम सवाल पूछे. बता दें कि इस समय दिशा पुलिस रिमांड पर है. शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.
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टूल किट मामले में आरोपी दिशा रवि से रिमांड में पुलिस के सवाल
1. पहले जनरल question जैसे, एजुकेशन, फैमिली मेंबर, क्लोज फ्रेंड्स और रूटीन वर्क की जानकारी
2. किसान आंदोलन से क्या संबंध
3. दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानो के आंदोलन में आने का क्या मकसद था
4. टूलकिट के बारे में क्या जानती हो
5. Mo धालीवाल कौन है
6. पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से क्या जुड़ाव या सिर्फ ऐसे ही संपर्क में आई, किसके जरिये संपर्क में आई
7. ग्रेटा thunbrg को कैसे जानती हो. कबसे उसके संपर्क में हो
8. उसको भारत मे चल रहे किसान आंदोलन को लेकर क्या जानकारी दी
9. उससे ट्वीट करने के लिए किसने कहा
10. ज़ूम मीटिंग कब और किससे हुई.
11. कौन कौन शामिल था उस मीटिंग में
12. जूम के अलावा और कौन कौन से प्लेटफॉरम पर मीटिंग या बातचीत हुई
13. पीटर fredrich कौन है, उसे जानती हो? क्या वो भी ज़ूम मीटिंग में था. क्या बतें हुई मीटिंग में
14. दिल्ली से कब निकले. शांतनु को कैसे जानती हो.
15. निकिता के संपर्क में कैसे आयी. इस मामले में उसका क्या रोल है.
16. 26 जनवरी के मौके पर दिल्ली में थी और कौन कौन था साथ. तुम लोग कहाँ कहाँ गए
17. क्या इससे पहले भी कब कब दिल्ली आयी हो इस आंदोलन के दौरान
18. 26 जनवरी की घटना के बाद किस किस से बात हुई
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने "भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध" छेड़ने के लिए 'टूलकिट' के "खालिस्तान समर्थक" रचनाकारों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
रविवार को दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से मामले की विस्तृत जानकारी दी. इसमें लिखा है कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक की संपादक है और दस्तावेज के निर्माण और प्रसार में महत्वपूर्ण साजिशकर्ता है.
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पुलिस ने कहा कि उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया और टूलकिट दस्तावेज बनाने के लिए दूसरों के साथ सहयोग किया. उसने इसका मसौदा तैयार करने के लिए उनके साथ मिलकर काम किया.
पुलिस ने ट्विटर पर लिखा कि इस प्रक्रिया में उन्होंने भारत राष्ट्र के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए खालिस्तानी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सहयोग किया. उसने ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट डॉक साझा किया था.
उसकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने प्रो-खालिस्तानी ग्रुप - पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और उसके सक्रिय सदस्यों की पहचान करने और डिलीट किए गए व्हाट्सएप ग्रुप को पुर्नप्राप्त करने के लिए अदालत से 21-वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता की पांच-दिन की हिरासत भी मांगी थी जो उसे मिल गई.
Source : News Nation Bureau