Advertisment

जम्मू-कश्मीर: आतंकवादी रियाज नायकू के बाद सभी आतंकी हुए ढेर, बड़ी साजिश हुई नाकाम

जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों ने बुधवार को हिज्बुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर को घेर लिया जिसकी आठ वर्षों से तलाश थी. इसके चलते अधिकारियों को घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं. पुलिस ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य गांव में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए जिनकी अभी पहचान नहीं की जा सकी है.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
encounter

encounter( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

Advertisment

जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों ने बुधवार को हिज्बुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर को घेर लिया जिसकी आठ वर्षों से तलाश थी. इसके चलते अधिकारियों को घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं. पुलिस ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य गांव में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए जिनकी अभी पहचान नहीं की जा सकी है. कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं और लोगों की आवाजाही पर सख्त पाबंदियां लगा दी गई है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिज्बुल मुजाहिदीन के ऑपरेशनल कमांडर रियाज नायकू को पुलवामा के बेगपुरा गांव में घेर लिया गया है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने सुबह बताया था कि मुठभेड़ में एक शीर्ष आतंकवादी कमांडर के साथ उसके साथी को घेर लिया गया है लेकिन उन्होंने उसकी पहचान नहीं बताई थी. 

ये भी पढ़ें: हद है... कोरोना के खिलाफ कैसे लड़ें, पाकिस्तान में डॉक्टर नहींं, मौलवी कर रहे तय

बाद में अधिकारियों ने बताया कि यह नायकू है जिस पर 12 लाख रुपये का इनाम है. वे आठ वर्षों से इसकी तलाश कर रहे थे. जुलाई 2016 में घाटी में आतंकवाद का चेहरा रहे बुरहान वानी की मौत के बाद नायकू आतंकवादी समूह का प्रमुख बन गया. नायकू दक्षिण कश्मीर के शोपियां में तीन बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका है. 

विस्तृत जानकारी देने से इनकार करते हुए अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने गांव में नायकू के मौजूद होने की सूचना मिलने के बाद उसे पकड़ने के लिए एक योजना बनाई और वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस बार वह भाग न पाए.

उन्होंने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद जानकारियां साझा की जाएगी. वहीं शारशाली गांव में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए जिनकी अभी पहचान नहीं की जा सकी है. 

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद वहां की घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया. तलाशी अभियान उस समय मुठभेड़ में तब्दील हो गया जब आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू की. अधिकारियों ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए. 

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार के सिर्फ इस एक फैसले से होगी 1.6 लाख करोड़ रुपये की कमाई, कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद

बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों के द्वारा कश्मीर में हिज्बुल की पूरी लीडरशिप के सफाए के बाद कश्मीर में हिजबुल को दोबारा जिंदा करने की साजिश रची जा रही थी. ISI ने हिज़बुल के इकलौते ज़िंदा बचे कमांडर रियाज़ नायकू को आतंकवादी गतिविधियों के लिए आगे आने का दिया था निर्देश

वहीं PoK के निकियाल सेक्टर में आतंकवादियों और ISI के अधिकारियों की बड़ी मीटिंग हुई थी. ISI के साथ मीटिंग में लश्कर कमांडर अशफ़ाक बरवाल ,युसुफ कारी और जैश कमांडर रहमान खान मौजूद था.

इस मीटिंग में आतंकवादियों की घुसपैठ तेज़ करने और हमले बढ़ाने के लिए कहा गया था. आतंक विरोधी कार्रवाइयों में सुरक्षा बलों का साथ देने वाले पुलिस वालों की लिस्ट बनाने को भी कहा गया था.

Jammu and Kashmir Hizbul Commander Riyaz Naikoo
Advertisment
Advertisment